धनिया बोकर केसर की फसल की उम्मीद कांग्रेस करती है, यह संभव नहीं! कांग्रेस अंधेरे कमरे में काली बिल्ली ढूंढने की कोशिश कर रही है। 15 माह की कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का हिसाब जनता इस चुनाव में पूरी तरह लेने का मन बना चुकी है। कांग्रेस कुचले हुए कॉकरोच की तरह सत्ता के लिए छटपटा रही है। लेकिन, जनता सोने की थाली में लोहे की कांग्रेसी कील नहीं लगाएगी।
यह बात भाजपा के मालवा-निमाड़ के प्रवक्ता मीडिया प्रभारी गोविंद मालू ने कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गत चुनाव में एक वचन पत्र दिया था। लेकिन, उसका कोई वचन नहीं निभाया। उल्टे भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान बनाया। तबादला उद्योग जमकर चला। थोक में हुए तबादलों से पूरा प्रशासन अस्त-व्यस्त हो गया। कानून व्यवस्था चौपट हो गई। एक-एक अधिकारी के चार-पांच बार तबादले तक हुए। वसूली के लिए हुए गृहमंत्री बाला बच्चन के जिले में पदस्थ एसडीओपी राकेश व्यास का एक माह में चार बार तबादला किया गया। ऐसे कई कर्मचारियों के तबादलों में भारी भ्रष्टाचार हुआ। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय सिंह पर परदे के पीछे से सरकार चलाने का न केवल आरोप लगाया, बल्कि अपनी नेता सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर दिग्विजय सिंह पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप भी लगाया। कहा कि वे रेत के धंधे में लिप्त हैं, शराब का कारोबार करवा रहे हैं, तबादलों में दखलअंदाजी कर रहे हैं और सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस सरकार भ्रष्ट थी। इन आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने चुप्पी साध ली थी ?
श्री मालू ने कहा कि कमलनाथ को वंशवादी, अहसान फरामोश और तानाशाह होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में किसी नेता को पनपने नहीं दिया। अलका नाथ के बाद नकुल नाथ को राजनीति में आगे बढ़ाया। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जब से कमलनाथ आए थे, तब कृपाशंकर भार्गव ने उन्हें अपना मकान रहने को दिया था। क्षेत्र में परिचय करवाया। लेकिन, बाद में कमलनाथ ने उनसे मुंह मोड़ लिया। तब नाराज कृपाशंकर ने उनके खिलाफ चुनाव भी लड़ा और अपने घर की गंगाजल से शुद्धि भी की। श्री मालू ने कहा कि कमलनाथ की संपत्ति बगैर व्यापार करें 2004 में 5 करोड़ 18 लाख से बढ़कर 206 करोड़ कैसे हो गई? उन्होंने अपने बहनोई दीपक पुरी को केंद्र में मंत्री रहते हुए पद्मश्री दिलवा दी! आखिर दीपक पुरी ने ऐसी कौनसी राष्ट्र समाज सेवा की? उन्होंने केवल अपने परिवार की चिंता की, जनता की चिंता कभी नहीं की। श्री मालू ने कहा कि भाजपा अटलजी, श्रीनरेंद्र मोदी, शिवराजजी के शासन पर गर्व करके जनता के बीच इनकी सरकारों के कामों का उल्लेख कर जनता से वोट मांगती है। जबकि, कांग्रेस इंदिराजी के आपातकाल, मनमोहन सिंह के शासन और दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासन को मॉडल के रूप में रखकर वोट क्यों नहीं मांगती? कमलनाथ अपनी सरकार के पांच काम भी जनता के बीच के नहीं बता पाते! कांग्रेस के सभी पूर्व अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव चुनाव प्रचार में क्यों नहीं दिखाई दे रहे हैं? सोनिया गांधी राहुल गांधी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल होने के बावजूद मध्यप्रदेश में प्रचार करने क्यों नहीं आए?
राहुल गांधी और प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं द्वारा इमरती देवीजी के खिलाफ बोले शब्दों पर कमलनाथ से माफी मांगने का आग्रह किया, पर उन्होंने माफी नहीं मांगी! यही कारण था कि निर्वाचन आयोग ने उन्हें बैन कर दिया। ऐसे कई सवालों पर इस उपचुनाव में जनता वोट देगी और कांग्रेस को चारों खाने चित करेगी।कांग्रेस ईमानदारी से बताए कि उसने अपने वचन पत्र के कितने वादे पूरे किए? किसानों की कर्ज माफी नहीं की, युवाओं को कोई रोजगार नहीं दिया, बेरोजगारी भत्ते का वादा करके उसे टाल दिया। गरीब कन्याओं के विवाह की राशि दबा ली। तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी और गौशाला का वादा करके उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
अपने वचनों से तो सरकार विधानसभा में भी साफ मुकर जाती है, अब जनता भी कांग्रेस से मुकर जाएगी। कमलनाथ की अंकसूची जनता के पास है, उसमें जनता ने दो शून्य दे रखे हैं। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार तो किया, प्रदेश की संपत्ति बेचने के लिए एक कमेटी भी बना दी! यह बड़े भ्रष्टाचार की तैयारी थी। प्रदेश के भाग्य से सरकार चली गई !
इंदौर-उज्जैन संभाग में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महामंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत, केंद्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती, राष्ट्रीय महामंत्री श्री दुष्यंत गौतम, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष श्री लालसिंह आर्य आदि ने सभाएं ली! रोड शो किए और सघन जनसंपर्क भी किया। संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत ने सभी विधानसभाओं में कार्यकर्ताओं को ऊर्जित किया।
संभागीय संगठन मंत्री श्री जयपालसिंह चावड़ा इंदौर संभाग की 4 सीटों पर लगभग 5 से 6 बार दौरा कर कार्यकर्ताओं को प्रेरणा दी। उज्जैन में संगठन की और से श्री विजय दूबे ने भी तीनों विधानसभा सुवासरा, आगर, हाटपीपलिया में सघन दौरों के द्वारा मतदान केंद्रों को मजबूती दी। चुनाव आयोग ने कमलनाथ को स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म कर निर्वाचन आयोग ने निष्पक्षता और तटस्थता के साथ चुनाव की पवित्रता के लिए काम किया है। कमलनाथ पर बैन लगने से ही कांग्रेस के नेताओं की चुनाव में निष्पक्षता पर संदेह होने लगा है।