भोपाल : मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया जारी है. चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, प्रदेश में उपचुनाव में 3 बजे तक 44 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका है. हालांकि इसी बीच कई स्थानों पर अप्रिय घटनाएं भी सुनने को मिली है. मुरैना में भी उपचुनाव के लिए वोटिंग की जा रही है और इसी बीच मतदान के दौरान बूथ के बाहर वहां से गोलीबारी की घटना की ख़बर सामने आई है. इस घटना पर सत्ता दल भाजपा ने जहां कांग्रेस पर आरोप लगाए तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार किया. हालांकि इसी बीच मुरैना एसपी का भी दिनदहाड़े हुई गोलीबारी की इस घटना पर बयान सामने आ गया है.
मुरैना में विधानसभा क्षेत्र में सुबह गोलीबारी की हिंसक घटना की जानकारी सामने आई थी. मुरैना के एसपी ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा है कि, ”कुछ मतदान केन्द्रों के बाहर हिंसा की हमें रिपोर्ट मिली है. इन घटनाओं का मतदान पर कोई असर नहीं हुआ है.” साथ ही मुरैना के एसपी सुजानिया ने इस बात की जानकारी भी दी है कि, इस घटना को लेकर कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं. फिलहाल मामले में जांच जारी है और फिलहाल फायरिंग के वीडियो के माध्यम से आरोपियों की पहचान की है.
चुनाव प्रचार में नेताओं ने पार की भाषा की मर्यादा…
मध्यप्रदेश उपचुनाव के दौरान भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने भाषा की मर्यादाओं का भी कोई ध्यान नहीं रखा. एक जनसभा के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की मंत्री इमरती देवी के लिए आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए थे और उन्हें आइटम कह दिया था. इसके जवाब में इमरती देवी ने कमल नाथ के परिवार की महिलाओं के लिए ठीक इसी तरह के शब्द इस्तेमाल किए थे. वहीं एक जनसभा के दौरान कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भूखा-नंगा बताया था और कहा था कि कमलनाथ एक बड़े उद्योगपति है, जबकि शिवराज सिंह चौहान भूखे-नंगे है, कमलनाथ शिवराज सिंह की तरह नहीं है.
विजयवर्गीय-सज्जन-कमलनाथ-इमरती को थमाया था नोटिस…
इन बयानबाजियों के बीच चुनाव आयोग ने कमलनाथ और इमरती देवी को नोटिस थमाते हुए 48 घंटों के भीतर उनसे जवाब मांगा था. जबकि इस दौरान भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के लिए आपत्तिनजक शब्द इस्तेमाल किए थे, वहीं इसका जवाब देते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कैलाश विजयवर्गीय पर अप्पत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा कैलाश विजयवर्गीय और सज्जन सिंह वर्मा को भी नोटिस जारी कर दोनों ही नेताओं से 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया था.