विपिन नीमा
इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर और प्रदेश की राजधानी भोपाल में दौड़ने वाली मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने के लिए एक – एक दिन कम होता जा रहा है। मप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (एमपीएमआरसी) व्दारा दोनों शहरों में ट्रायल रन इस वर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह अंत अथवा सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में कराए जाने की तैयारी की जा रही है। समय सीमा को देखते हुए कार्य तेजी से चल रहा है। गांधीनगर में स्थित मेट्रो ट्रेन डिपो में पटरी बिछाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। अभी तक दो से ढाई किलोमीटर की पटरी बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। मेट्रो कम्पनी ने एयरपोर्ट पर काम शुरू करने के लिए शासन से दो साल के लिए 20 हेक्टेयर जमीन की मांग की है। पिछले दिनों कम्पनी ने शासन को पत्र भी भेजा है। प्रदेश में प्रोजेक्ट के 12 साल हो गए है ।
ऐसे चला प्रदेश में मेट्रो प्रोजेक्ट के 12 साल का सफर
● 5 नवम्बर 2011 को भोपाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता एक
बैठक आयोजित हुई थी। इसी बैठक में सबसे पहले मेट्रो प्रोजेक्ट को प्रदेश में लाने पर चर्चा हुई थी जिसमे सभी ने सहमति दी।
● 20 दिसंबर 2011 को मप्र सरकार ने केबिनेट में मेट्रो चलाने का निर्णय लिया था।
● केंद्र सरकार ने 3 अक्टूबर 2018 को मप्र मेट्रो प्रोजेक्ट की मंजूरी देकर प्रदेश को एक बड़ी सौगात दी।
● जून 2020 में मेट्रो प्रोजेक्ट की कागजी कार्यवाही पूर्ण होने के साथ काम शुरु हुआ। मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन कर निर्माण कार्य का श्रीगणेश किया।
● भोपाल और इन्दौर शहरों में मेट्रो रेल चलाने के लिये मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का गठन 27 अगस्त 2020 को किया गया। यह फैसला केबिनेट की बैठक में हुआ।
● 30 सितम्बर से पहले मेट्रो का सफर शुरू करने का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य पर मेट्रो कंपनी कार्य कर रही है।
● इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेता जनता को बताएंगे
हमने मेट्रो चला दी है।
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हर पांच मिनट में मेट्रो चलने का समय निर्धारित रहेगा
प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए
गांधीनगर में एक तथा सुपर कारिडोर पर पांच स्टेशन बनाए जा रहे है। सभी स्टेशनों पर हर पांच मिनट में मेट्रो चलने का समय निर्धारित रहेगा। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन की अधिकृत रिलीज के अनुसार शुरूआती तौर पर इंदौर – इंदौर में ट्रायल रन के लिए केवल एक ट्रेन चलाई जाएगी. मेट्रो के लिए इंदौर में करीब 75 डिब्बे आएंगे. जिससे तीन डिब्बों की 25 ट्रेनें चलेंगी. सभी मेट्रो डिब्बे की लंबाई करीब 22 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर होगी.। वही ट्रेनों के चलने वाला न्यूनतम समय 90 सेकंड का होगा. वहीं तीन तेज स्पीड से चलाई जाने वाली मेट्रो की गति करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.। एक कोच में 250 से 275 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे।
मेट्रो कंपनी को जरूरत है 20 हेक्टेयर जमीन, शासन को लिखा पत्र
मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत एयरपोर्ट की तरफ मेट्रो का काफी काम होना है। इसमें अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन , मेट्रो ट्रेक , जैसे कई बड़े और महत्वपूर्ण कार्य किए जाने है। काम में किसी तरह की रुकावट न हो । मेट्रो कम्पनी को एयरपोर्ट से थोड़ी दूर लगभग 15 से 20 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। मेट्रो कम्पनी के अधिकारियों के मुताबिक कम्पनी ने 2 साल के लिए 20 हेक्टेयर जमीन के लिए शासन को पत्र लिखा है। बताया गया है की शासन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। एयरपोर्ट से संबंधित एक अन्य जानकारी देते हुए अधिकारियों के बताया की एयरपोर्ट के पास सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर मेट्रो स्टेशन बनेगा। स्टेशन की जगह तय हो गई है। इंदौर एयरपोर्ट के आगमन व प्रस्थान के बीच से मेट्रो स्टेशन के लिए रास्ता होगा और सिर्फ 200 मीटर चलकर मेट्रो स्टेशन से एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए यहां पर ट्रैवलेटर भी लगाए जाएंगे।
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डिपो पर मेट्रो रेल के अनलोड के लिए तैयार हो रहा प्लेटफॉर्म
सुपर कॉरिडोर पर गांधीनगर के पास लगभग 32 हेक्टेयर जमीन पर 400 करोड़ रुपयों की लागत से मेट्रो रेल डिपो तैयार किया जा रहा है। डिपो की जिम्मेदारी लखनऊ की कम्पनी को सौंपी है। डिपो पर मेट्रो ट्रेन को अनलोड करने के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। डिपो वह जगह है, जहां से न केवल मेट्रो का रखरखाव होगा बल्कि कंट्रोलिंग सिस्टम भी यहीं होगा। सिग्नलिंग, कम्युनिकेशन, पॉवर सप्लाई सब कुछ यहीं से होगा। इसके लिए अलग-अलग शेड बनेंगे। शेड बनने के बाद कंट्रोलिंग और सिग्नलिंग का काम शुरू हो सकेगा।