महापौर, मित्र और भगवान अष्टमी, इंदौर में हनुमान अष्टमी पर दिखा अद्भुत नज़ारा

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चंद्रशेखर शर्मा। मेरे से भी सीनियर और वरिष्ठ पत्रकार मित्र आदरणीय ब्रजेश जोशी भगवान श्री रणजीत हनुमान के अनन्य भक्त हैं। वे पिछले कई वर्षों से खुद की एक मासिक पत्रिका कामयाबी से निकालते आ रहे हैं। पत्रिका का नाम देखिए, ‘श्री पवनपुत्र।’

दरअसल कुछ बरस पहले उनके परिवार पर भीषण संकट आन पड़ा था। तब भगवान रणजीत हनुमान बाबा ही उनके सहाय हुए थे और चमत्कार की तरह उनका संकट दूर किया था। उसी के बाद से वो भगवान के नाम से यह पत्रिका नियमित निकाल रहे हैं। जोशी अभी अखबार स्वदेश से भी जुड़े हुए हैं। वो असल में मार्केटिंग के दक्ष खिलाड़ी हैं और कई बड़े अखबारों में अपनी दक्षता साबित कर चुके हैं। यों अपन ने ऐसे पत्रकार बहुत कम देखे हैं, जो मार्केटिंग में भी दक्ष हो, खबरों की पूरी समझ रखते हों, उम्दा लेखक भी हो और कला, खासकर शास्त्रीय संगीत के भी खूब जानकार हों और सब पर अधिकार से लिख सकें ! ये जोशी जी वैसे ही और विरल हैं।

बहरहाल जोशी जी हनुमान अष्टमी के मौके पर पिछले कई बरसों से अपनी पत्रिका को रणजीत हनुमान पर केंद्रित कर और उन्हीं को समर्पित विशेषांक निकाल रहे हैं। आज वही हनुमान अष्टमी है और इस बार के विशेषांक का आपने कल रेसीडेंसी एरिया के नवीन महापौर सचिवालय में महापौर पुष्यमित्र भार्गव के हाथों सादे, आत्मीय और गरिमामय माहौल में विमोचन सम्पन्न कराया। श्री पवनपुत्र पत्रिका की पूरी टीम के साथ जोशी के अत्यंत स्नेही आग्रह से अपन भी वहीं हाजिर थे। इस दौरान जोशी ने उनकी पूरी टीम का व अपना भी श्री भार्गव से परिचय कराया।

खास बात यह कि शहर में नगर निगम द्वारा किये जा रहे अनेक कामों को लेकर महापौर ने हम सबसे बहुत ही सहजता और आत्मीयता से बातें कीं। बताना लाजमी है कि नगर निगम ने रणजीत हनुमान मंदिर के बाहर लगने वाली हार-फूल और पूजन सामग्री आदि की दुकानों का हटाने का फैसला किया है। यह सही है कि इन दुकानों की वजह से वहां अकसर यातायात जाम होता है अलबत्ता दुकानदारों को हटाकर उन्हें बेरोजगार किया जाए, यह उचित उपाय नहीं। यद्यपि कोई कारगर हल निकालने पर विचार जारी है। जो हो।

हकीकतन कल जो बात मुझे नहीं सूझी और इसलिए महापौर से नहीं कह पाया, वो आज सूझने पर यहां रखने का अभिलाषी हूँ। हकीकतन पिछले दिनों मुझे एक न्यूज चैनल पर एक बहुत उल्लेखनीय खबर देखने में आई। उसमें बताया गया कि काशी में बने नये विश्वनाथ कॉरिडोर से पिछले मात्र एक साल में सौ करोड़ रुपये की आय हुई है। वाकई यह अपने आप में बहुत बड़ी बात और खबर है और इसमें एक संदेश भी निहित है। जी हां, समझदारों के लिए !

इधर, हमारे इंदौर के महापौर ने पिछले दिनों शहर में ‘नो थू-थू’ अभियान का श्रीगणेश किया और इसी के तहत शहर के कुछ उन डिवाइडरों को अपने हाथों से धोकर साफ किया जिन्हें गुटखा-पान का सेवन करने वाले अपने पीक से गंदा करते हैं। कोई कह सकता है कि यह सस्ती पब्लिसिटी हासिल करने की गरज से किया गया, लेकिन इसमें दो मत नहीं कि जो शहर देश का लगातार कई बरसों से सबसे साफ-स्वच्छ शहर है, वहां के महापौर से यह निर्मल ललक वाली पहल हर सूरत अपेक्षित है और उसमें सस्ती पब्लिसिटी की बात ढूंढना दो कौड़ी वाले लोगों का काम है। यों अपना कहना यह है कि इसी साफ शहर के दो मंदिरों, खजराना गणेश मंदिर और रणजीत हनुमान मंदिर में सबसे ज्यादा चढ़ावा आता है। उसमें भी खजराना गणेश मंदिर तो देश-दुनिया में विख्यात। सो महापौर जी, नो थू-थू अभियान आदि अपनी जगह, लेकिन कुछ बड़ा सोचिए।

उदाहरण के लिए भगवान रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी (जो आज सुबह भी निकली) में लाखों की तादाद में भक्तजन जुटते हैं। गोया रणजीत हनुमान मंदिर के प्रति भक्तों की आस्था और श्रद्धा का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है। सो महापौर जी, बड़ा यह सोचिए कि विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक की तरह क्या शहर के इस रणजीत हनुमान मंदिर में भी कोई कॉरिडोर या किसी लोक की बड़ी योजना को साकार किया जा सकता है ? जी हां, वहां के दुकानदारों को हटाना या व्यवस्थित करना बहुत छोटी बात है, लेकिन यह मौका भी है किसी बड़े काम या सोच को साकार करने का। कहते हैं कि जहां चाह वहां राह। जरूरत बस बड़े काम को सोचने की है।

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जरूरी नहीं कि वो यही हनुमान लोक का ही हो। वो कोई दीगर बड़ा काम भी हो सकता है ! रणजीत हनुमान मंदिर लोक का ख्याल तो पवनपुत्र पत्रिका के आपके हाथों विमोचन, इस मंदिर के दुकानदारों को हटाने के निर्णय और आज निकली प्रभात फेरी के संदर्भ में सूझा है और उस खबर से सूझा है जिसमें ऊपर विश्वनाथ कॉरिडोर से सालभर में सौ करोड़ रुपयों की आय का उल्लेख है जरा सोचिएगा महापौर। बाकी आपकी सोच, समझदारी और योग्यता पर तो किसी को भी रत्तीभर संदेह शायद ही हो। जय रणजीत। अंत में पत्रकार मित्र जोशी को मुझे महापौर जी से मिलवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और उनकी पत्रिका के लिए बहुत शुभकामनाएं।