महापौर भार्गव ने शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के संबंध में की बैठक, इस नई तकनीक पर करेंगे काम

mukti_gupta
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महापौर एवं जलकार्य समिति प्रभारी ने आज कबीटखेड़ी स्थित सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स, स्लज हाईजिनेशन प्लांट एवं बायोमिथेनाईजेशन प्लांट का निरीक्षण किया। साथ ही महापौर द्वारा कबीटखेडी स्थित एस.टी.पी. प्लांट निरीक्षण करने से पूर्व एस.टी.पी. प्लांट के सम्बन्ध में एवं शहर के नदी नालों में बहने वाले सीवर के सम्बन्ध में की चर्चा भी हुई।

इस बैठक में एसटीपी प्लाट के संचालन सीवर लाइनस एवं सीवरेज आऊटफाल टेपिंग के सम्बन्ध में विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया गया। इन्दौर शहर के जनरेटेड सीवरेज को कबीटखेड़ी एस.टी.पी. तक पहुँचाने के लिए मुख्य चार प्राईमरी लाइनें बिछायी गयी है तथा पूर्व बी.आर.टी. एस. सेन्ट्रल एवं पश्चिम जोन हैं।

कबीटखेडी में तीन सेन्ट्रलाईज एस.टी.पी. संचालित

  • 12 एम.एल.डी. क्षमता का यू.ए.एस.बी. तकनीक आधारित एस.टी.पी वर्ष 2006 से संचालित है।
  •  78 एम. एल. डी. क्षमता का यूए.एस.बी तकनीक आधारित एस.टी.पी वर्ष 2004 से संचालित है।
  • 245 एम.एल.डी क्षमता का एस.बी.आर तकनीक आधारित एस.टी.पी वर्ष 2016 से संचालित है।

सीवर आऊटफाल टेपिंग हेतु शहर में मुख्य 06 नालो, पलासिया, पिलियाखाल, भमोरी, नरवल तुलसी नगर, आजाद नगर तथा अन्य छोटे नालों में सीवर लाईनें डाली जाकर 7246 आऊटफॉल टेप किये गये।

245 एम. एल. डी. एस.टी.पी. कुल 21 एकड़ भूमि पर निर्मित है, जिसमें 245 एम.एल.डी. सिवरेज का केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ट्रीटमेन्ट किया जा रहा है. ट्रीटेड वॉटर का 30% गैर घरेलू कार्यों जैसे गार्डन, डिवाईडर, टॉयलेट क्लीनिंग, कृषि सिंचाई इत्यादि कार्यों में उपयोग किया जा रहा है।

गार्डनों में उपचारित जल उपयोग हेतु 32 किमी. लाईनें बिछाकर 100 गार्डन तक सीधे लाईन बिछायी गयी है। मेघदूत उपवन के पीछे 3 एम.एल. क्षमता के एक ओवर हेड टैंक निर्मित किया गया है, जिससे 24 घन्टे उपचारित जल सप्लाई किया जा रहा है. शेष उपचारित जल कान्ह नदी में प्रवाहित किया जा रहा है।

245 एम. एल. डी. एस. टी. पी. के उपचारित जल के पैरामीटर निम्नानुसार है:

  • बी.ओ.डी. 10 Mg/L से कम।
  • सी.ओ.डी. 30 Mg/L से कम।
  •  टी.एस.एस. 10 Mg/L से कम
  • पी. एच. 6.5 से 85

245 एम.एल.डी. एस.टी.पी. प्रोसेस के मुख्य दो भाग हैं. फिजिकल प्रोसेस व बॉयोलॉजिकल प्रोसेस, बॉयोलॉजिल प्रोसेस में तीन घन्टे की साइकल है, पूरा प्लांट ऑटो सिस्टम अर्थात स्कॉडा सिस्टम से संचालित है।

245 एम.एल. डी. एस.टी.पी. प्लांट से प्रतिदिन लगभग 18 टन स्लज जनरेट होता है, जिसका हाईजिनेशन प्लांट से कोबाल्ट 16 प्रोसेस से ट्रीटमेन्ट कर खाद तैयार किया जा रहा है। B. 245 एम.एल.डी. एस.टी.पी. प्लांट में लगने वाली विद्युत एनर्जी का कैम्पस में संचालित सोलर सिस्टम से विद्युत उर्जा का 25 प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है।

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78 व 12 एम.एल.डी. एस.टी.पी. पुरानी तकनीक के होने के वर्तमान में माननीय एन.जी.टी. द्वारा जारी गाईडलाईन के ट्रीटेड पैरामीटर से अधिक होने से इन एस.टी.पी. को अपग्रेड करने का प्रस्ताव नमामि गंगे एक्शन प्लान में आर्थिक सहायता हेतु निवेदन किया गया है। इस अवसर पर अधीक्षण यंत्री सुनील गुप्ता, आर एस देवड़ा, सौरभ माहेश्वरी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।