नई दिल्ली। मथुरा में इन दिनों वृंदावन कुंभ चल रहा है। इस दौरान देश के तीन अखाड़ों ने 9, 13 और 25 मार्च को शाही स्नान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इस ऐलान की वजह यमुना के दूषित पानी को बताया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, जब तक यमुना नदी का पानी साफ नहीं हो जाता, वे शाही स्नान नहीं करेंगे।
आपको बता दे कि, शाही स्नान के बहिष्कार का ऐलान अयोध्या के महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्म दास ने किया। वहीं न्यूज़ एजेंसियों के मुताबिक महंत धर्मदास की ओर से जिस समय शाही स्नान का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया, उस समय दो अन्य वैष्णव अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़े के प्रमुख भी उनके साथ मौजूद थे। दोनों अखाड़ों के प्रमुखों ने भी महंत धर्मदास की बात से सहमति व्यक्त की।
साथ ही महंत धर्म दास ने कहा कि हम शाही स्नान के दौरान यमुना में पवित्र डुबकी तभी लगाएंगे जब पानी साफ हो। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मथुरा के जिला प्रशासन ने वादा किया था कि गंगा से अतिरिक्त जल छोड़कर वृंदावन कुंभ के दौरान देवरहा घाट पर साफ पानी का इंतजाम किया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके साथ ही महंत धर्म दास ने यमुना में पवित्र डुबकी लगाने के बाद प्रदूषण को लेकर आलोचना की।
यूपी सरकार के अधिकारी नागेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही स्नान के लिए निकले संतों का तीनों अखाड़ों के प्रमुखों ने नेतृत्व किया था। शाही स्नान के लिए निकले संतों पर फूल की पंखुड़ियों की भी बारिश की गई।