अनेक पत्रकारों और परिजनों को निःशुल्क वैक्सीन और उपचार मिला
लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉक्टरों और स्टॉफ
ने परिवार की तरह किया कोरोना मरीजों का इलाज
साथियों की पहल रंग लाई
(सी.एल. गुर्जर)
इंदौर : कोरोना महामारी के संकट काल में वैसे तो देशभर के अस्पताल और डॉक्टर मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं परंतु जिस सेवा भावना से परिवार की तरह डॉक्टरों और स्टॉफ के द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है यह तो सिर्पâ इन्दौर के पलासिया क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में ही संभव हो पाया है। जहां महामारी के संकट काल में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों का उपचार किया गया और वे स्वस्थ होकर खुशी-खुशी घर लौटे हैं। शहर या मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली के भी तीन मरीज यहां इलाज कराने आए और वे भी स्वस्थ होकर अस्पताल के डॉक्टरों और प्रबंधन की तारीफ करते हुए खुशी-खुशी घर लौट गए हैं। दिल्ली से भी वे लगातार इन डॉक्टरों से उपचार को लेकर सम्पर्वâ बनाए हुए हैं।
लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ आनंद कुमार जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर इरफान खान तथा हॉस्पिटल के इंचार्ज रहीम खान ने बताया कि इस अस्पताल में आने वाले कोरोना के मरीजों को निराश नहीं होना पड़ा बल्कि ५० से ७० प्रतिशत तक भी जिनके लंग्स खराब हो गए थे और उनके परिजनों ने भी आस छोड़ दी थी परंतु इसके बावजूद भी यहां के डॉक्टरों ने अपनी कार्य कुशलता का परिचय देते हुए उनका इलाज किया और वे स्वस्थ हो गए। इन्दौर के वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रकांत वुंâजीर कोरोना पीड़ित हो गए थे। लगभग पौने दो माह तक उनका उपचार किया। वे ९५ प्रतिशत से ज्यादा ग्रसित थे इसके बाद भी उनका उपचार जारी रहा और आज वे स्वस्थ जीवन बीता रहे हैं।
इसी प्रकार खातेगांव के अतवास से आई चन्द्रकला के परिजनों ने बताया कि हमने बिल्कुल उम्मीद छोड़ दी थी परंतु जब डॉक्टर आनंद जैन और डॉ. इरफान खान से सम्पर्वâ किया तो उन्होंने कहा कि जब तक सांस है तब तक आस है और डॉक्टरों की सेवा और भगवान की रहमत रंग लाई और वह एक दम स्वस्थ होकर घर लौट गई। सोशल मीडिया पर इन्दौर के लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल के बारे में जानकारी मिलने पर दिल्ली से भी तीन कोरोना मरीज एयर लिफ्ट से इंदौर आए और उनका यहां इलाज हुआ और वे भी स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। उन मरीजों ने चर्चा में बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं हिम्मत से काम लें। हिम्मत रहेगी तो जान रहेगी।
मनुष्य में जिंदा रहने का जज्बा होना चाहिए और यही हौंसला आपको कोरोना से लड़ने में सहायक होगा। इसके अलावा भी कई मरीजों ने बताया कि लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल ने तो कोरोना के इस घर में चमत्कार कर दिया है। घर परिवार के सदस्यों की तरह वे सबके सामने वे कोरोना का उपचार करते हैं जबकि अन्य अस्पतालों में मरीज से मिलना तो क्या उसे देखने भी नहीं देते। इसी को देखते हुए शिवम गैस के संचालक भरत केड़िया ने इस अस्पताल को रोजाना चार गैस की टंकियां मुफ्त देने का ऐलान कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल में शिवम गैस के द्वारा ही ऑक्सीजन गैस की सप्लाय की जाती है।
जब देश में वैक्सीनेशन शुरू हुआ। तो इन्दौर के लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्टिल में भी उत्सुकता और निष्ठा के साथ राष्ट्र भक्ति मान कर वैक्सीनेशन का श्रीगणेश किया गया। जहां सबसे पहले मध्यप्रदेश शासन के मंत्री तुलसीराम सिलावट, पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र हार्डिया, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिंतक वेदप्रकाश वैदिक, ओमप्रकाश फरकिया, अर्जुन राठौर, दिनेश साल्वी, राजेश यादव, चम्पालाल गुर्जर, लोकेन्द्र थनवार, नंदकुमारसिंह चौहान, चन्द्रेश गौड़, अश्विन खरे, अरुण हार्डिया, कमलेश्वर सिसोदिया के अलावा कई अन्य पत्रकार साथियों का भी हारपूâल से स्वागत करने के बाद वैक्सीन का टीका लगाया गया।
इस कलमकार ने भी कई बार इस अस्पताल में जाकर देखा कि किस तरह भगवान का दूसरा रूप बने यहां के डॉक्टर मरीजों की सेवा करते हैं। कोरोना काल में जिन मरीजों के उनके परिजन भी हाथ नहीं लगाते ऐसी स्थिति में भी बेखोफ होकर भगवान पर भरोसा रखते हुए डेढ़ वर्ष से यहां के डॉक्टर और पूरा स्टॉफ मरीजों की सेवा कर रहा है।