अयोध्या में रामलला विराजमान हो चुके हैं। भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के खेल, राजनीति, कला जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई । ऐसे में विपक्षी दलों में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बना के रखा । वही राममंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई.
आपको बता दें सीएम ममता ने इस दिन कोलकाता में सद्भाव रैली निकाली, जिसके समापन पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने परोक्ष रूप से बीजेपी पर निशाना साधा. सीएम ममता ने आरोप लगाया कि वे (बीजेपी) भगवान राम की बात करते है लेकिन देवी सीता की बात नहीं करते हैं. उन्होंने पूछा कि बीजेपी महिला विरोधी हैं।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने अपनी रैली के लिए सभी धर्मों के लोगों से शामिल होने का आह्वान किया था. सीएम ममता ने कहा कि वह चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ममता बनर्जी ने कहा, श्श्मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसकी पूजा करता है. मुझे देश में बेरोजगारी से समस्या है. देश का पैसा कहां गया?श्
दरअसल सीएम बनर्जी ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और अपनी पार्टी के नेताओं के साथ कोलकाता के हाजरा मोड़ से ‘सर्व-धर्म सद्भाव’ मार्च शुरू किया, है। इस दौरान ममता बनर्जी ने रैली में अपने समापन संबोधन में उन्होंने कहा,‘‘मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती. मुझे भगवान राम की पूजा करने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर आपत्ति है.’’
इस दौरान सीएम ने भाजपा पर अनोखा आरोप लगाया। ममता ने कहा कि भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन देवी सीता का क्या? वह वनवास के दौरान हमेशा भगवान राम के साथ रहीं. वे उनके बारे में नहीं बोलते क्योंकि वे महिला विरोधी हैं. हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए हमें धर्म के बारे में उपदेश देने की उन्हें कोशिश नहीं करनी चाहिए.