इंदौर : शहर के 5 नर्सिंग कॉलेजों को गैरकानूनी गतिविधियों के चलते सील कर दिया गया है? सोमवार को राजस्व और मेडिकल विभाग की टीमों ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार इन कॉलेजों के गेट पर ताला लगा दिया।
यह कार्रवाई उन अनियमितताओं के बाद की गई है जो इन कॉलेजों में पिछले कुछ समय से चल रही थीं। हाईकोर्ट ने इन कॉलेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत सीलिंग की कार्रवाई शुरू कर दी।
सोमवार शाम को एसडीएम ओमप्रकाश बडकुल, एसडीएम घनश्याम धनगर सहित प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने इन कॉलेजों को सील करने की कार्रवाई शुरू की। मध्य प्रदेश में भारी नर्सिंग कॉलेज घोटाला सामने आया है, जिसने लाखों छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
2019 तक, मध्य प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत थे। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान, 200 और नए कॉलेजों ने पंजीकरण करवाया। इन कॉलेजों में बड़ी संख्या में छात्रों ने दाखिला लिया। लेकिन, जल्द ही छात्रों को परीक्षाओं और अन्य मामलों में अनियमितताओं का शक होने लगा। अपनी जांच में, उन्होंने पाया कि कई कॉलेज फर्जी थे और उनके पास मान्यता नहीं थी।
इस चौंकाने वाली सच्चाई के सामने आने के बाद, छात्रों ने सबूत इकट्ठा किए और अदालत में याचिकाएँ दायर कीं। जबलपुर के वकील विशाल बघेल और ग्वालियर के वकील दिलीप शर्मा ने इस मामले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने शुरुआत में 700 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों में से 308 की जांच की।