Mahakaleshwar Temple: महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया है। हाल के दिनों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी गई है, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए यह प्रवेश प्रतिबंधित है। गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे, डॉ. श्रीकांत शिंदे, ने अपनी पत्नी वृषाली और अन्य लोगों के साथ गर्भगृह में पूजा की, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
गर्भगृह में प्रतिबंध और रोष
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 4 जुलाई 2023 से पुजारियों को छोड़कर सभी का प्रवेश प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, कई वीआईपी जब चाहें गर्भगृह में जा सकते हैं। इस पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है, और आम श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां बाबा के भक्तों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे दर्शनार्थियों में रोष बढ़ गया है।
नियमों का उल्लंघन और पूर्व उदाहरण
गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध के बावजूद, कई बार नियमों का उल्लंघन हो चुका है। उदाहरण के लिए:
- 8 जुलाई: भाजपा के प्रदेश संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी के साथ पूजा की।
- 9 अगस्त: भाजपा विधायक विक्रम सिंह ने वाहनों के काफिले के साथ महाकाल लोक में प्रवेश किया।
- 10 अगस्त: विधायक अनिल जैन ने अपने जन्मदिन पर गर्भगृह में पूजा की।
- 22 अगस्त: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने गर्भगृह में पूजा की।
कांग्रेस नेताओं का विरोध
इस विवाद के बीच कांग्रेस ने उल्लेख किया कि जब राहुल गांधी ने 5 मार्च को महाकाल का दौरा किया, उन्हें गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि नियमों में भेदभाव हो रहा है।
नई व्यवस्था और कार्रवाई
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने अब वीआईपी और उनके सेवादारों के गर्भगृह में प्रवेश के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब वीआईपी के साथ सेवादारों को भस्म आरती के अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा, और वीआईपी की सूची संबंधित विभाग को एक दिन पहले रात 8 बजे तक देनी होगी।
इस विवाद के बाद, गर्भगृह में प्रवेश को लेकर कार्रवाई भी की गई है। इंस्पेक्टर विनोद चौकसे को वहां से हटा दिया गया है और पुजारियों को चेतावनी दी गई है कि वे आगे से ऐसा न करें।