पालकी में होकर सवार चले महाकाल, दूर से ही भक्तों ने किए दर्शन

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श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की परंपरा अनुसार निकलने वाली सवारी निकल चुकी है। शाम 4 बजे चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल भ्रमण के लिए राजाधिराज मनमहेश रूप में जैसे ही मंदिर प्रांगण से बाहर आए भक्तों की भीड़ लग गई। साथ ही चारों और जय जयकार का उद्घोष गूंज उठा। कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सवारी में शामिल होने पर रोक लगा रखी है। इस कारण भक्तों ने दूर से ही अवंतिकानाथ के दर्शन किए।

मान्यताओं के अनुसार, दोपह 3.30 सभा मंडप में पुजारियों ने भगवान का पूजन किया गया। इस पूजन में पूजन में कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र शुक्ला भी मौजूद थे। पूजन के बाद शाम 4 बजे भगवान शाही ठाठ के साथ नगर भ्रमण पर निकले। बता दे, मंदिर के शहनाई द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज को सलामी दी। इसके बाद सवारी रामघाट की ओर रवाना हुई।