Madhya Pradesh : रोजगार इतने कम हैं कि गांव के लोगों किसानों ने नौकरी की उम्मीद ही छोड़ दी है। किसान बताते हैं कि बच्चे शहरों से पढ़ाई करके लौट आए हैं और अब सब खेती पर ही निर्भर है क्योंकि इतना पढ़ने के बाद भी नौकरी नहीं मिलती।
खेती जो अब मजबूरी ज्यादा है। रियायत के नाम पर कई वादे हैं लेकिन फसल का सही दाम नहीं। कहते हैं दोगुनी कमाई जुमला साबित हुआ जो सब भूल चुके हैं। गांव में बाप की कमर टूटी जा रही है बेरोजगार बच्चों को देखकर लेकिन सरकार है कि सुनती नहीं।
इसलिए मैंने तय किया है कि अब गांव गांव जाकर लोगों से कहूंगा कि अबकी बार सही सरकार और सही विकास को चुनना है। माना कि सरकार सभी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती लेकिन कम से कम आर्थिक गतिविधियां तो बढ़ा ही सकती थी। लोग सशक्त होते आगे बढ़ते ऐसे मायूस नहीं।
यह ग्रामीण देवास जिले में मेरी हाटपिपलिया विधानसभा के हैं। इसी इलाके में एमपी सरकार ने कई वादे किए हैं एयरपोर्ट और उद्योग क्षेत्र जैसे, लेकिन ये सब बेमानी है। जमीन पर किसान बेहाल है और रोजगार के बारे में पूछते ही नौजवानों की आंखें जैसे नम होने लगती हैं। उन्हें याद आती है वो पढ़ाई लिखाई जो बेकार चली गई।
गांव में जागरूकता बेहद जरूरी है और ये काम हर पढ़े लिखे नौजवान का है चाहे वह किसी भी विचारधारा से आता हो। मेरे साथ आइए अपने मुद्दे जनता को बताइए।