लोकायुक्त पुलिस की बड़ी कार्रवाई: घूसखोर पंचायत सचिव 40,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धराया

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गुना। भृष्टाचार के खिलाफ जंग का एलान कर चुकी ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस(Gwalior Lokayukta Police) की सजग टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक भ्रष्टाचारी पंचायत सचिव(Bribery Panchayat secretary) को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धर धबोचा हैं। उसे गिरफ्तारी के बाद कोतवाली ले जाया गया। और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया हैं।

जानकारी के मुताबिक़ घटना गुना की हैं। जहाँ गुना के ही हनुमान चौराहे पर घूस लेते हुए आरोपी पंचायत सचिव को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा हैं।

आरोपी पंचायत सचिव का नाम देवनारायण शर्मा(Panchayat Secretary Devnarayan Sharma) हैं, जो गुना जनपद की गोपालपुर कटैया पंचायत में सचिव के पद पर पदस्थ हैं। देवनारायण शर्मा के खिलाफ ठेकदार अरशद खान ने ग्वालियर लोकायुक्त की टीम से शिकायत की थी। जिसके बाद बुधवार को बड़ी कार्यवाही करते हुए लोकायुक्त टीम ने घूसखोर पंचायत सचिव देवनारायण शर्मा को ठेकदार अरशद खान से ₹40000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।

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दरअसल रिश्वत का मामला जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोपालपुर में बिछाई गई पाइप लाइन से जुड़ा हैं। इस पाइप लाइन का काम पूरा हो चुका हैं। और इस काम को करने वाले ठेकेदार अरशद खान इसे ग्राम पंचायत को हैंडओवर करना चाहते थे। लेकिन इसके एवज में उक्त पंचायत का सचिव ठेकेदार से 5% कमीशन के रूप में रिश्वत मांग रहा था। और इसी के चलते पंचायत सचिव लगभग 8 महीने से ठेकदार को परेशान भी कर रहा था।

ठेकेदार ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोपालपुर में बिछाई गई पाइप लाइन का कार्य 12 लाख रुपए में हुआ हैं। और उक्त सचिव इसी राशि का 5% कमीशन रिश्वत के रूप में मांग रहा था जो तकरीबन 50000 रूपये होती हैं यानी घूसखोर पंचायत सचिव देवनारायण शर्मा ठेकेदार से 50000 रूपये डकारना चाहता था लेकिन ठेकेदार द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त में करने के बाद पांसा पूरी तरह पलट गया और सचिव देवनारायण शर्मा अब हवालात की हवा खाने वाला हैं।

शिकायत के बाद ठेकेदार अरशद खान ने लोकायुक्त की टीम के निर्देशों का पालन करते हुए देवनारायण शर्मा को रिश्वत के 50000 से कुछ कम करवा कर 40000 रुपयों के लिए राजी कर लिया। और उसे रुपये देने के लिए गुना के हनुमान चौराहे पर पहुंच गया। जहाँ प्लान के मुताबिक़ पहले से ही लोकायुक्त की टीम घात लगाए बैठी थी। फिर जैसे ही सचिव देवनारायण शर्मा ने ठेकेदार से 40000 रूपये रिश्वत के तौर पर लिए, वैसे ही लोकायुक्त की टीम मौके पर पहुँच गई और देवनारायण शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।