विधायकों के खर्च की लिमिट तय, अब नेताओं को देना होगा पाई-पाई का हिसाब, जानें कितने रूपए खर्च कर सकेंगे नेता

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भोपाल, मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विधायकों के खर्च की लिमिट तय कर दी गई है। अब विधायक मैदान में उतरने पर जितने भी खर्च करना चाहते हैं, उन्हें पाई-पाई का हिसाब चुनाव आयोग को देना होगा। इसके चलते, भोपाल के कलेक्टर आशीष सिंह ने खाने-पीने, टेंट, मिठाई, ग्राफिक्स, प्रिंटिंग, इलेक्ट्रिक सामान समेत अन्य सामान के रेट तय कर दिए हैं।

नेताओं के खर्च का बढ़ा आयाम
इस नए आयाम के तहत, नेताओं को हर खर्च का विवरण देना होगा, जैसे कि भोजन, टेंट, मिठाई, ग्राफिक्स, प्रिंटिंग, और इलेक्ट्रिक सामान। साथ ही, उन्हें तकिये पर बैठने, तंतु समाग्र, और मुंह मीठा करने के खर्च का भी हिसाब देना होगा। इस नए आयाम के तहत, भोपाल में 275 प्रकार के आयटम के किराये के निर्धारण किए गए हैं, जिनमें टेंट हाउस के 77 आयटम, भोजन/नाश्ते के 55, और ट्रेवल्स के लिए उपयोग किए जाने वाले 18 वाहन शामिल हैं।

नए आयाम का प्रारूप
यह नए आयाम के तहत पहली बार लागू किए गए हैं और नेताओं को चुनाव के खर्च पर नियमित नजर रखने की आवश्यकता होगी। इससे नेताओं के खर्च का पूरी तरह से निगरानी की जा सकेगी। इसके अलावा, हेलिकॉप्टर किराया भी निर्धारित है, और किराये का हिसाब प्रतिघंटे के हिसाब से चलेगा।

पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना
पिछले विधानसभा चुनाव के समय, प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपए थी, लेकिन इस बार इसे 40 लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया है। इस नए आयाम के तहत, प्रत्याशी को अब अपने खर्च का पूरा विवरण देना होगा, जिससे विधायकों के खर्च की निगरानी की जा सकेगी।