इंदौर 30 जून, 2020
इंदौर संभाग के जिलों में कोविड-19 बीमारी की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ने और आमजन को कोविड-19 बीमारी से बचाव हेतु और अधिक जागृत करने के लिए राज्य शासन के निर्देश पर एक जुलाई से 15 जुलाई, 2020 तक स्पेशल फीवर स्क्रीनिंग कैम्पेन “किल कोरोना” संचालित किया जायेगा। इस अभियान में घर-घर जाकर बुखार के रोगियों की खोज की जायेगी तथा बुखार के रोगी पाये जाने पर लक्षण के आधार पर उनकी कोविड-19, मलेरिया और डेंगू की जांच की जायेगी। इसके लिए इंदौर संभाग में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देश पर जिलेवार कार्ययोजना तैयार की गई है। कार्ययोजना के अनुसार संभाग के जिलों में सर्वेदल, सर्वेलेंस दल, सैंपलिंग दल आदि का गठन किया गया है।
कोविड-19 के व्यापक सर्वेलेन्स के लिए 15 दिवसीय ‘किल कोरोना अभियान’ शुरू किया जा रहा। इसकी शुरूआत एक जुलाई से की जा रही है, अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को दिया जायेगा। संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा ने कल सोमवार को विडियों कान्फ्रसिंग के माध्यम से संभाग के जिलों के कलेक्टरों से रुबरु होकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि यह अभियान जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ, नागरिकों आदि की व्यापक सहभागिता से साथ चलाया जाए।
‘किल कोरोना अभियान’ में घर-घर जाकर सर्वे के लिए आंगवाड़ी स्तर तक सर्वे टीम लगाई गई है। प्रत्येक टीम को नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराए गए है। ‘किल कोरोना अभियान’ में सर्वे द्वारा एस.ए.आर.आई./ आई.एल.आई. के संदिग्ध मरीजों के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी प्रविष्टि ‘सार्थक एप’ में की जायेगी। कोविड-19 के संदिग्धों की जिनकी प्रविष्टि ‘सार्थक एप’ पर की जाती है, के सम्बन्धित क्षेत्रों को मेप्ड एम.एम.यू. द्वारा सेम्पलिंग की जायेगी। रोजाना चिन्हित किये गये संदिग्धों की सेम्पलिंग के बाद उनकी टेस्टिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के माध्यम से की जायेगी। संभावित रोगी को स्वास्थ्य संस्थान अथवा फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा। अभियान की विभिन्न स्तरों पर प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। कोविड-19 के संभावित मरीजों, डेंगू तथा मलेरिया के मरीजों की पहचान कर उनका अलग-अलग उपचार किया जाएगा।