नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के सुप्रीमो, अरविंद केजरीवाल, ने दिल्ली शराब नीति के मामले पर ED के कार्यालय न जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने ED को “अवैध और राजनीति से प्रेरित” मानकर एक पत्र लिखकर समन वापस लेने के लिए कहा है। आपको बता दें की दिल्ली में केजरीवाल को आज सुबह 11 बजे केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होना था।
ED के साथ भिन्न मतभेद:
ED के साथ इस भिन्नता के बावजूद, केजरीवाल को ED द्वारा नए समन की आसंजना है, जो मध्य प्रदेश चुनाव से पहले AAP के प्रचार के लिए जा रहे हैं। इस संदर्भ में, यह भी महत्वपूर्ण है कि मध्य प्रदेश चुनाव की घोषणा काफी समय पहले हो चुकी है, लेकिन अभी तक केजरीवाल ने राज्य में कोई यात्रा नहीं की है, और उन्होंने उसी दिन मध्य प्रदेश में प्रचार करने का निर्णय लिया है, जिस दिन ED ने समन भेजा था।
AAP का आरोप:
AAP ने ED के नोटिस को भ्रष्टाचार मानकर आलोचना की है और दावा किया है कि यह नोटिस भाजपा के संकेत पर जारी किया गया है. उन्होंने ED से “नोटिस तुरंत वापस लेने” की मांग की है, और निगरानी के बिना किसी को बुलाने की आलोचना की है।
भाजपा का पक्ष:
भाजपा ने इस मुद्दे पर भी अपने पक्ष को साफ़ दिखाया है और कहा है कि AAP भ्रष्टाचार में लिप्त है और उनके शीर्ष नेताओं को अदालत और जांच एजेंसियों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना चाहिए।
इस साथ, सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिसे अदालत ने अस्थायी रूप से स्थापित माना है. इस मामले में 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल का भी उल्लेख है, और कहा जा रहा है कि यह पैसा उन निजी पार्टियों की कमाई है, जिन्हें अब शराब का लाइसेंस मिला है, जिसको जांचकर्ता कमाई को अपराध की कमाई मानते हैं.