भाई बहन के प्यार का पर्व रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती है। इस दौरान ज्योतिषियों ने रक्षाबंधन को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखने की बात कही है, जो इस प्रकार है।
भाई की कलाई पर राखी बांधते वक्त बहन का मुंह दक्षिण- पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए और भाई का मुंह उत्तर – पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए, इस दौरान किसी ओर दिशा में नहीं देखना चाहिए।
राखी के दिन कलाई पर काले रंग का सूत्र, खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और गलत चिन्ह (अशुभ) वाली राखी नहीं बांधना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
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भाई को राखी बांधने वक्त जमीन की बजाए पटिए पर बैठाना चाहिए और सिर पर कोई साफ कपड़ा या रुमाल जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने से भाई का भाग्योदय होता है।
रक्षाबंधन पर राखी मुहूर्त को देखकर ही बांधी जाती है, इस दौरान रक्षाबंधन पर राहु काल और भद्रा काल में राखी बांधने से बचना चाहिए, क्योंकि रावण की बहन ने भी भद्रा काल में अपने भाई को राखी बांधी थी, जिसके बाद उनका साम्राज्य का विनाश हो गया था। इसीलिए तभी से भद्रा काल में भाई को राखी नहीं बांधना चाहिए।
राखी हमेशा 3 धागों की होना चाहिए, जिसमें लाल, पीला, सफेद सूत्र होना जरूरी है। लाल और पीला सूत्र भी मान्य है, अगर रक्षा सूत्र में चंदन लगा हो तो और भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि कुछ ना होने पर कलावा भी श्रद्धापूर्वक बांध सकते है।
भाई को तिलक करते समय माथे पर तिलक के बाद चावल की जगह अक्षत लगाना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।