पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के 30 हजार से अधिक शासकीय स्कूलों में चयनित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन पदों पर भर्ती की सारी प्रक्रियाऐं कांग्रेस सरकार ने पूरी कर ली थी। इसके अंतिम चरण में मात्र दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इस प्रक्रिया को पूरी न करने के कारण प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को स्मरण कराया कि इस संबंध में 28 नवंबर 2020 को भी उन्होंने एक पत्र लिखा था। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण कई शासकीय स्कूल शिक्षक विहीन हैं। इस कमी को दूर करने और शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रदेश के 19 हजार से अधिक उच्चतर माध्यमिक एवं 11 हजार से अधिक माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति होना थी। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान इन पदों पर भर्ती की सभी औपचारिकताऐं पूरी कर लीं थी। अंतिम चरण में दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना था, जो कि भाजपा द्वारा चुनी सरकार को गिराने के कारण पूरा न हो सका।
नाथ ने कहा कि कोरोना के कारण बंद शिक्षण संस्थाओं में अब पठन-पाठन शुरू होने जा रहा है ऐसे में शिक्षकों की सर्वाधिक आवश्यकता होगी। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत न्यूनतम छात्र शिक्षक अनुपात को पूरा करने के लिये चयनित अभ्यर्थियों की शिक्षक पद पर नियुक्ति किया जाना अत्यंत जरूरी है। इस संबंध में शासन स्तर पर अभी तक कोई निर्णय न होने से चयिनत अभ्यर्थी उद्वेलित हैं। इसका मूल कारण है कि वे दीर्घकाल से अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
कमल नाथ ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि वे चयनित अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का आदेश दें, ताकि प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था सुव्यवस्थित हो सके। जिसका लाभ प्रदेश के बच्चों को मिले।
नरेन्द्र सलूजा