India Canada Row: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव और विवाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी तल्ख होते जा रहे हैं, और अब इस विवाद में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के आयुक्त माइक ड्यूहेम का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह संभव है कि कनाडा के अपराधी भारत में सक्रिय गुर्गों को निर्देश दे रहे हों। यह खुलासा माइक ड्यूहेम ने 29 अक्टूबर 2024 को कनाडा की एक संसदीय समिति के समक्ष किया।
कनाडाई सांसद का सवाल, पुलिस आयुक्त का जवाब
कनाडा के सांसद ग्लेन मोट्ज ने माइक ड्यूहेम से सवाल किया कि क्या यह संभव है कि कनाडा के अपराधी भारत में गुर्गों को निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने यह सवाल इसलिए पूछा क्योंकि 14 अक्टूबर के बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए यह आशंका जताई गई थी। ड्यूहेम ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मेरा मतलब है कि 14 अक्टूबर के बाद कुछ भी संभव है। हम इसे नकार नहीं सकते, लेकिन हमारे सहयोगी के साथ काम करना महत्वपूर्ण है ताकि हम मिलकर इस समस्या का समाधान कर सकें।”
भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों को नकारते हुए आरसीएमपी आयुक्त का बयान
आरसीएमपी के आयुक्त माइक ड्यूहेम ने यह भी कहा कि कनाडा में स्थिति बदल चुकी है और भारत में सक्रिय अपराधियों के संबंध में उनकी जांच जारी है। उनका यह बयान, कनाडा सरकार के उच्चतम अधिकारियों द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में आया है। हालांकि, ड्यूहेम ने यह स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से इस संभावना को नकार नहीं सकते। उनका कहना था कि कनाडा को भारत के साथ सहयोग करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दो देशों के बीच उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान मिल सके।
भारत ने खारिज किया कनाडा का आरोप
भारत ने कनाडा के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया कि सिख कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों में भारतीय सरकार का कोई हाथ नहीं था, और इसे पूरी तरह से फर्जी आरोप बताया। इसके बावजूद, कनाडा में पिछले साल हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के बाद, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और बढ़ गया था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या के लिए भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसके बाद भारत ने इस आरोप को बेतुका करार दिया और सबूत की मांग की थी।
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव
भारत और कनाडा के रिश्ते अब कूटनीतिक संकट की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। पिछले साल जून में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारत के खुफिया एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज करते हुए कनाडा से ठोस सबूत की मांग की थी। इसके बाद 13 अक्टूबर 2024 को कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर दिया। इसके कुछ ही दिनों बाद 14 अक्टूबर 2024 को भारत ने अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया, जिसमें संजय वर्मा भी शामिल थे।
भारत और कनाडा के बीच यह कूटनीतिक तनाव अब एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। जहां एक ओर कनाडा के आयुक्त माइक ड्यूहेम ने भारतीय अपराधियों के संबंध में कुछ संदिग्ध संकेत दिए हैं, वहीं भारत ने इन आरोपों को नकारते हुए ठोस सबूत की मांग की है। दोनों देशों के बीच खालिस्तानी गतिविधियों, आतंकवाद और हत्याओं को लेकर चल रहे विवाद में कोई जल्द समाधान की उम्मीद नहीं दिखाई देती।