जिकित्जा हेल्थकेयर का ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग प्रोग्राम’, हजारों लोगों को किया प्रशिक्षित

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भोपाल, 27 जनवरी 2021: किसी भी दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति का फिर से स्वस्थ होना इस बात पर निर्भर करता है कि उसे घटना स्थल पर मौजूद लोगों द्वारा किस तरह मदद दी गई या फिर क्या राहत कार्य किए गए। अगर घटना स्थल पर मौजूद लोगों को यह पता हो कि घटना के तुरंत बाद उन्हें क्या करना है तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस बात को ध्यान में रखकर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का संचालन करने वाली एशिया की सबसे बड़ी कंपनी जिकित्जा हेल्थकेयर लि. ने ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग प्रोग्राम” का आयोजन किया। 26 जनवरी को गणतंत्र के उपलक्ष्य में रखे गए इस अनूठे आयोजन में कंपनी द्वारा कई तरह की विशेष जानकारीया दी गई।

जिकित्जा हेल्थ केयर लि. के प्रोजेक्ट हेड जितेंद्र शर्मा ने बताया कि – आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की एक जिम्मेदार संचालक कंपनी के रूप में हम यह बताना चाहते हैं कि किसी भी घटना के बाद घायल के इलाज में समय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बात को ध्यान में रखकर हम लगातार फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित कर यह बताया जा सके कि अगर उनके सामने कोई घटना हुई, या कोई घायल है तो वे उसकी जान बचाने में किस तरह भूमिका निभा सकते हैं। अब तक हम इस तरह के प्रोग्राम द्वारा मध्यप्रदेश में 4 लाख से ज्यादा लोगो को प्रशिक्षित कर चुके है। ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर लिमिटेड के इन्ही प्रयासों को देखते हुए, प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा 108 एम्बुलेंस स्टाफ को कई क्षेत्रो में सराहनीय कार्य करने पर ट्राफी और प्रशंसी पत्र द्वारा समानित किया जिससे उनका मनोबल बढ़ा।

55 स्थानों पर 15 हजार से ज्यादा लोगों को दिया प्रशिक्षण
गौरतलब है कि जिकित्जा हेल्थकेयर लि. द्वारा अलग-अलग शहरों के 55 स्थानों पर एक साथ यह जागरुकता कार्यक्रम रखा गया था। इनमें 15 हजार 286 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। जिसमे प्रमुख रूप से भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा झोन के लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।

अब तक 4 लाख से ज्यादा लोग हुए प्रशिक्षित
जिकित्जा हेल्थकेयर लि. द्वारा हर वर्ष इस तरह के जागरुकता कार्यक्रम निरंतर रखे जाते हैं जिसमें अलग-अलग उम्र के लोगों को फर्स्ट एड, दुर्घटना के दौरान बनने वाली स्थिति, मरीज को संभालने, पुलिस-प्रशासन को जानकारी देने, एंबुलेंस को बुलाने, परिजनों को जानकारी देने आदि की जानकारी ज़िकित्ज़ा हेल्थकेयर के पैरामेडिक स्टाफ द्वारा दी जाती है। अब तक 4 लाख से भी ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसमें स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी, गृहिणियां, व्यापारी, युवा और बुजुर्ग लोग शामिल हैं।

‘गोल्डन ऑवर” बनाता है जीवित रहने की संभावना

जिकित्जा हेल्थ केयर लि. के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण सत्र में बताया कि घायल हुए व्यक्ति के लिए घटना के बाद का एक घंटा ‘गोल्डन ऑवर” साबित होता है। गंभीर हालातों में घटना के तुरंत बाद अगर उसे सही दिशा में मदद देना शुरू की जाए या समय पर इलाज मिल पाए तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। प्रशिक्षण के दौरान आम लोगों को फर्स्ट एड की तकनीक सिखाई जाती हैं और यह भी बताया जाता है कि एक प्रथम प्रतिसादकर्ता के रूप में घायल व्यक्ति की जान बचाने में उनकी कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वे किस तरह प्रभावित होने वाले लोगों की मदद कर सकते हैं।