Jewellers Strike Indore : गहनों पर अनिवार्य हालमार्किंग का नियम लागू किया जा चुका है। इसके बाद से ही ज्वैलर्स हड़ताल पर जा चुके हैं। वहीं अब हालमार्किंग सेंटरों की ओर से हड़ताल की घोषणा की गई है। बताया जा रहा है कि 28 सितंबर को देशभर के हालमार्किंग सेंटरों ने काम बंद रखने और सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया गया है।
जी हां, हालमार्किंग एक्शन कमेटी की ओर से हड़ताल का आव्हान किया गया है। ऐसे में मध्यप्रदेश और इंदौर के सभी सेंटर इसमें शामिल है। दरअसल, सरकार द्वारा हालमार्किंग कानून में किए गए ताजा बदलाव के साथ हालमार्किंग के बदले मिल रहे मेहनताने से भी सेंटर वाले नाखुश हैं।
जानकारी के मुताबिक, हालमार्किंग कानून की शुरुआत में ज्वैलरी पर हालमार्किंग करवाने की जवाबदारी ज्वैलर्स पर थी। वहीं अब ज्वैलर्स के विरोध के बाद इसमें परिवर्तन कर सरकार ने अब हालमार्किंग करवाने की जवाबदेही निर्माता पर डाल दी है। ऐसे में एक्शन कमेटी ने इस बदलाव का विरोध किया है।
एक्शन कमेटी ने इस बदलाव का विरोध किया है। कमेटी के मुताबिक, पहले के नियम से हालमार्किंग को लेकर ग्राहकों में ज्यादा भरोसा रहता लेकिन अब निर्माण स्थल से ही हालमार्किंग होने से मार्किंग का पूरा कारोबार देश के कुछ चुनिंदा शहरों में सिमट गया है, जो गहनों के मुख्य निर्माण स्थल है।
जानकारी के मुताबिक, कमेटी ने बताया है कि इससे हालमार्किंग सेंटर चलाने वालों का न केवल कारोबार का नुकसान हुआ है बल्कि उपभोक्ता का भी नुकसान है। दरअसल, निर्माता से उपभोक्ता तक गहने सात-आठ हाथों से होकर गुजरते हैं। उसमें सफाई, फिनिशिंग, टांके के नाम पर मिलावट की जा सकती है।
ज्वैलर्स भी ऐसे गहनों की गुणवत्ता की बाद में गारंटी लेने से बचेंगे और बेचने पर मूल्य कम देंगे। साथ ही हालमार्किंग सेंटर ने गहनों पर मार्किंग के लिए अपना शुल्क बढ़ाने की मांग भी रख दी है। इंदौर में अभी 5 हालमार्किंग सेंटर है जबकि मप्र में करीब 22 सेंटर खुल चुके हैं।