जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. जम्मू में शुक्रवार को फारूक ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, ”28 साल वादे किए गए कि हम कश्मीरी पंडितों को वापिस लेकर आएंगे. 5 साल तो हो गए इनके, ये 5 साल भी चले जाएंगे. कश्मीरी पंडित आज भी इंतजार कर रहा है वो दिन कब आएगा.”
कश्मीरी पंडितों की आड़ लेकर फारूक अब्दुल्ला ने आगे भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा कि, यदि जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में जाना होता तो यह काम 1947 में ही हो जाता और ऐसा होने से कोई भी नहीं रोक सकता था, लेकिन ये भारत महात्मा गांधी का भारत है न कि भारतीय जनता पार्टी का.
दूसरी ओर फारूक अब्दुल्ला के बेटे और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उमर ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सरकार से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने पर सवाल करते हुए कहा कि, भाजपा कहती है कि इनके समापन से जो लोग भारतीय प्रशासन से खफा थे, वे भी अब परिवर्तित हो चुके हैं. लेकिन मन कहता हूं कि ऐसा नहीं हुआ. बल्कि इनके हटने से तो ये लोग और अधिक अलग-थलग पड़ गए हैं.
उमर ने अपने संबोधन के दौरान यह भी माना अचीवे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षित नहीं है और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग के साथ उन्होंने कहा कि, ”विकासकहां है? एक साल तीन महीने इस तरह की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए काफी लंबा समय है. हमने हमेशा कहा है कि यह गलत घारणा है कि अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाना सभी समस्याओं का हल है और यह जम्मू-कश्मीर के लिए सबसे बड़ा गलत कदम है. हम अपनी भूमि पर सुरक्षित नहीं हैं.