इंदौर बनेगा देश का पहला विश्व स्तरीय सर्व सुविधा युक्त मेट्रोपॉलिटन शहर

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ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के तत्वावधान में आयोजित परिचर्चा में इंदौर और बाहर से पधारे आर्किटेक्ट इंजीनियर बिल्डर डेवलपर्स एवं मोटिवेशनल स्पीकर्स ने हिस्सा लिया। उक्त विचार आर्किटेक्ट एवं स्ट्रक्चरल इंजीनियर जेके व्यास जी ने परिचर्चा के दौरान व्यक्त कीए ।उन्होंने कहा कि मैं घूमने का शौकीन हूं एवं विश्व के कई महानगरों की सैर कर चुका हूं न्यू याकॅ के मैनहट्टन से लेकर जापान के टोक्यो तक मैं सदैव इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन को बारीकी से निरीक्षण करता हूं । मैं सोचता हूं कि किस प्रकार से हमारे देश में इस तकनीक को कम खर्च में अपनाया जाए ।मुझे केंद्र सरकार के कार्यक्रम में शिरकत करने का मौका मिला जिसमें देश के 4 नगरों को को जल्द ही मेट्रोपॉलिटन का दर्जा दिया जा रहा है उसमें इंदौर का स्थान सबसे ऊपर है।

प्रकृति ने इंदौर को भरपूर सुंदरता दी है कई नदियां इसके करीब से बहती है शहर के चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है घने जंगल होने की वजह से हवा भी साफ है। महाकालेश्वर ओमकारेश्वर और महेश्वर होने की वजह से एवं नर्मदा के करीब से बहने की वजह से इंदौर सर्वगुण संपन्न है । संस्था के अध्यक्ष दीपक भंडारी ने बताया कि मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता के रूप में शोभा खन्ना जी ने कहा कि वह किस प्रकार मध्यप्रदेश के निर्माण में विगत 40 वर्षों से लगातार कार्य कर रही है रात दिन उन्होंने सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में सहयोग दिया l 150 से ज्यादा ब्रिज वह प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभी तक बना चुकी है एवं इंदौर और भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट से भी शुरुआत से ही जुड़ी हुई है l

पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्य करते हुए उन्होंने अपने कई अनुभव शेयर किये। मध्यप्रदेश और विशेष रूप से इंदौर के विकास को लेकर आज भी उनकी ललक बरकरार है। उन्होंने बताया कि विभाग के पास संसाधनों एवं कर्मचारियों के अभाव होने के बावजूद कोई काम कभी नहीं रुका ।मैं हमेशा यही सोचती थी कि किस प्रकार से रहवासियों को सुविधा मिले ।कई ब्रिज ऐसे बनाएं जहां घने जंगल थे वन्य प्राणी घूमते थे डाकू लुटेरों का खतरा होता था किंतु नदी पार करने का रास्ता नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों वृद्ध लोगों एवं गर्भवती स्त्रियों के लिए एक पार से दूसरे पार जाना बहुत कठिन होता था। ऐसे क्षेत्र में ब्रिज बनाते वक्त मुझे बहुत प्रसन्नता होती एवं में कई महीनों तक अपने घर नहीं जाती थी। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एवं ट्रेनी सोमा राय जो कोलकाता से आई थी उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजर एवं प्रोजेक्ट इंचार्ज को सबसे पहले अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए। टीम भावना और टीम वर्क के बारे में उन्होंने कई छोटी-छोटी बातें बताई कि किस प्रकार से आश्चर्यजनक प्रोजेक्ट सभी के सहयोग से बहुत कम समय में और कम खर्च में पूरे कर लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर आने के बाद मुझे बहुत खुशी मिल रही है सफाई में नंबर वन बनने के लिए इंदौर की जिद हमेशा रहती है। यहां के नागरिक भी गर्व की अनुभूति करते हैं और बढ़-चढ़कर योगदान देते हैं।

शहर के विकास को लेकर नागरिक हमेशा जागरूक रहते हैं एवं सम्मिलित रूप से प्रयास करते हैं ।द्वितीय स्पीकर के रूप में कारपोरेट और मैनेजमेंट पुस्तकों के लेखक रचित घाटे ने बताया कि मेरा बचपन इंदौर में ही बीता है ।सीखने की ललक की वजह से मैं विश्व के कई देशों का भ्रमण कर चुका हूं और वर्तमान में मुंबई में रहता हूं। लेकिन जब भी इंदौर आता हूं मुझे हमेशा यहां नया लगता है। यहां विकास की धारा निरंतर बहती हुई लगती है। पूरे देश को इंदौर से सीखना चाहिए। विश्व के कई देशों के इंडस्ट्री लाइजेशन का अध्ययन कर उन्होंने नई किताब लिखि है जिसे वह जल्द ही प्रकाशित करने जा रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कारपोरेट वर्ल्ड की कई कहानियां सुनाई एवं विभिन्न अग्रणी कंपनियों के उदाहरणों से बताया कि किस प्रकार से प्रोग्रेस की जाती है तथा विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे आगे बढ़ा जाता है। 4 घंटे चली इस परिचर्चा में शिक्षाविद एवं प्रकृति प्रेमी एस्सेल गर्ग जी तथा भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनीष बिसानी एवं महामंत्री जितेंद्र रामनानी के साथ उनकी पूरी टीम उपस्थित रही।

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रोटरी क्लब की ओर से प्रमोद बेस् एवं सदस्य उपस्थित रहे। आईरेसिस कमेटी से कविता ठाकुर आनंद रायकुमार सुरेंद्र जैन दीपक शाह मयूर नितेश दीक्षित अंकित कुंभकार पूजा एवं प्रिया चौहान अर्चना गौड़ मनोज शंखवार देवलाल एवं पुजारी जी एवं 150 से अधिक श्रोता उपस्थित रहे।