आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, प्रयासों के तहत लगातार विभिन्न आयोजन किये जायेंगे और समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की गई है और 2 अप्रैल से 10 मई तक चार चरणों में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल प्रेक्टिसेज (एसवीईईपी) के तहत चलाए जाने वाले जन जागरूकता अभियान के नोडल अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए जिला पंचायत, स्कूल शिक्षा, महिलाओं के माध्यम से जागरूकता रैलियां और रंगोली निर्माण का आयोजन किया जाएगा।
मेहंदी और दिवार लेखन जैसे रोचक कई कार्यक्रम
मेहंदी और दीवार लेखन आदि गतिविधियां कराई जाएंगी। इसके लिए एक कैलेंडर तैयार किया गया है, साथ ही निर्देश दिया गया है कि सभी जिला पंचायतें अपने-अपने क्षेत्र के बीएलओ, स्थानीय शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और जीविका समूहों के साथ जागरूकता गतिविधियों का आयोजन करना सुनिश्चित करें।
बड़े-बड़े गांवों में सार्वजनिक चौराहों पर फ्लेक्स और दीवारों पर हस्ताक्षर अभियान चलाए गए और हर गांव में प्रतिज्ञा पत्र भरवाए गए। बड़े गांवों में सार्वजनिक चौराहों पर विशाल रंगोली बनाने और हर गांव में मेहंदी रचाने के कार्यक्रम होने चाहिए। क्लस्टर स्तर पर वोट मैराथन का आयोजन किया जाए। क्लस्टर स्तर पर साइकिल एवं बाइक रैलियां तथा स्वीप चिन्हों की मानव आकृतियां बनायें।
मतदान को लेकर स्थानीय स्तर पर जन-जागरूकता
मतदान समाप्ति तक स्थानीय स्तर पर जन-जागरूकता गतिविधियाँ निरन्तर आयोजित की जायं। इन कार्यक्रमों में संकुल स्तर पर दिव्यांग मतदाता सम्मेलन भी आयोजित किये जायें। साइकिल रैली एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जाए। प्रत्येक गांव में बीएलओ एवं ग्राम स्तरीय कर्मचारियों की टीम की बैठक आयोजित की जाए।
प्रत्येक गांव में BLO एवं पंचायत सचिव द्वारा 50 से 200 युवा मतदाताओं के साथ चुनावी पाठशाला गतिविधि का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रत्येक पंचायत में वरिष्ठ मतदाता सम्मेलन एवं सम्मान कार्यक्रम। बड़े-बड़े कारखानों एवं रोजगार स्थलों पर बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। आजीविका मिशन की मतदाता जागरूकता रैली स्कूल एवं आंगनबाडी क्षेत्रों में आयोजित करें तथा रैली के पश्चात मानव शृंखला बनायें।