Indore : सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का बड़ागणपति को दिया प्रथम निमंत्रण, कलश यात्रा में 5000 हजार मातृशक्तियां होंगी शामिल

mukti_gupta
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इन्दौर 6 मई। पालदा पवनपुरी स्थित दुर्गा नगर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का प्रथम निमंत्रण शनिवार को बड़ागणपति मंदिर में दिया गया। निमंत्रण के साथ ही समिति के सदस्यों ने लंबोदर से निर्विध्न सात दिवसीय भागवत कथा संपन्न हुआ इसका आशीर्वाद भी मांगा। पालदा क्षेत्र में आयोजित होने वाली भागवत कथा के लिए घर-घर पहुंच मातृशक्तियों को शामिल होने के निमंत्रण के साथ ही पीले चावल भी दिए जा रहे हैं। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव समिति आयोजक व एमआईसी सदस्य एवं पार्षद मनीष शर्मा (मामा) ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा की शुरूआत भव्य कलश यात्रा के साथ होगी। कलश यात्रा में 5000 हजार से अधिक मातृशक्तियां शामिल होंगी जो शोभायात्रा के मार्ग में अपने सिर पर कलश धारण कर यात्रा के मार्ग चलेंगी। शोभायात्रा के मार्ग में 150 से अधिक विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मंच लगाकर स्वागत भी किया जाएगा। पं. कृष्णकांत शास्त्री के सान्निध्य एवं मुखारविंद से होने वाली कथा में कलाकारों द्वारा प्रसंगानुसार जीवंत उत्सव भी मनाया जाएगा।

बड़ागणपति सहित अन्य मंदिरों में भी पहुंचा निमंत्रण- सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का पहना निमंत्रण मनीष शर्मा मामा द्वारा बड़ागणपति स्थित लंबोदर को सहपरिवार पूजा-अर्चना कर दिया गया। इसी के साथ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में भागवत कथा का निमंत्रण सभी कार्यकर्ताओं, समिति पदाधिकारी एवं सहपरिवार पहुंच दिया जा रहा है। लोगों को अधिक से अधिक भागवत कथा का श्रवण कराने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के साथ-साथ घर पहुंचकर सभी इस कार्यक्रम की विस्तार पूर्वक कार्यक्रमों की जानकारी भी कार्यकर्ताओं द्वारा दी जा रही है।

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सात दिवसीय भागवत कथा में यह उत्सव मनेंगे- आयोजक व पार्षद मनीष शर्मा (मामा) ने बताया कि भागवत कथा के प्रथम दिन 13 मई को श्रीमद् भागवत कथा महात्म्य व शुकदेवजी के आगमन की कथा सुनाई जाएगी। 14 को कपिल उपदेव व ध्रुव चरित्र, 15 को प्रहलाद चरित्र, नरसिंह अवतार और वामन अवतार की कथा होगी। 16 को श्रीराम अवतार व श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग सुनाया जाएगा जिसमें सभी भक्त धूमधाम से प्रभु का जन्मोत्सव मनाएंगे। 17 को श्रीकृष्ण की बाल लीला व गोवर्धन लीला प्रसंग सुनाया जाएगा साथ ही छप्पन भोग के साथ गोवर्धन पूजा की जाएगी। 18 को रासलीला रहस्य, गोपी गीत और उद्धव चरित्र की कथा के साथ श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह उत्सव धूमधाम से मनाएंगे। 19 को पूर्णाहुति के साथ ही कथा का समापन होगा।

भक्तों को सौंपी जिम्मेदारियां- पालदा क्षेत्र में भव्य स्तर पर होने वाली इस सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के लिए तैयारियों का दौर जारी है। जगह-जगह क्षेत्रों में होर्डिंग-बैनरों के साथ ही आम लोगों को अधिक से अधिक संख्या में भागवत कथा में शामिल होने होकर पुण्य लाभ कमाने के लिए कार्यकर्ताओं द्वारा आमंत्रण व निमंत्रण भी दिया जा रहा है। वहीं भागवत कथा के लिए महिलाओं व पुरूषों के साथ ही युवक-युवतियों की अलग-अलग समितियां भी बनाई गई है। खास बात यह है कि भागवत कथा के लिए 10 से अधिक युवक-युवतियों को सोशल मीडिया की जिम्मेदारियां सौंपी गई है जो इस सात दिवसीय कार्यक्रमों को सोशल प्लेटफार्म पर प्रचार-प्रसार कर आम लोगों को समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देंगे।