इंदौर(Indore News ): का सहकारिता विभाग इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है उसकी सबसे बड़ी वजह है यहां पर लोकायुक्त द्वारा एक निरीक्षक को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था उसके बाद यह मामला भोपाल पहुंचा और सहकारिता मंत्री द्वारा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया उन्होंने घोषणा की कि यहां पर सालों से जमे अधिकारियों को और कर्मचारियों को हटाया जाएगा जिन्होंने भू माफिया के साथ मिलकर विभाग को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का अड्डा बना रखा है ।
सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया ने यह भी कहा कि उनके आदेश पर 11 निरीक्षकों का तबादला किया जा चुका है और बाकी के अधिकारी निरीक्षक तथा कर्मचारियों के खिलाफ जल्दी ही दूसरी तबादला सूची जारी की जाएगी उन्होंने यहां के भ्रष्ट अधिकारियों को चुनौती देते हुए यह भी कहा कि इन के तबादले अब मंडला और डिंडोरी जैसी जगहों पर किए जाएंगे लेकिन मंत्री जी की घोषणा को 15 दिन होने आए तबादलों की दूसरी सूची अभी तक नहीं आई है इस बीच यह भी पता चला है कि कुछ अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए तथा इंदौर में ही बने रहने के लिए अपने राजनीतिक आकाओं की शरण ले रहे हैं लेकिन मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया के कड़े तेवर को देखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि इनकी दाल गल पाएगी ।
यदि मंत्री भदौरिया सचमुच चाहते हैं कि इंदौर के हजारों भूखंड पीड़ित आम नागरिकों को सहकारिता विभाग से न्याय मिले तो इसके लिए बहुत जरूरी है कि यहां के तमाम अधिकारियों का और कर्मचारियों का तबादला कर दिया जाए ताकि भू माफिया के साथ इनका गठबंधन टूट सके ।
अर्जुन राठौर