इंदौर: इंदौर ट्रैफिक की झूठी बाते सामने आ रही है, शहर के ट्रैफिक से आप सभी अछि तरह वाकिफ है यह की यातायात व्यस्था का हाल भी इतना ठीक नहीं जितना बताया जा रहा है, इसी कड़ी में विभाग के कई झूठे दावे सामने ए है जिनमे से एक ट्रैफिक गन है। बता दे कि ट्रैफिक बिभाग के पास बेतरतीब स्पीड और अव्यवस्थित ट्रैफिक को जांचने के लिए केवल एक स्पीड गन है, बावजूद इसके ट्रैफिक विभाग के दावों के पीछे की हक़ीक़त कुछ और है।
शहर में ट्रैफिक विभाग के पास यातायात की जाँच करने के लिए अधिकारियों के पास ट्रैफिक गन ही नहीं हैं, जो गम है उसका भी उपयोग नहीं किया जा रह है। वही दूसरी और ट्रैफिक विभाग केवल एक स्पीड गन के होने पर शहर के 23 लाख से अधिक वाहन चालकों की यातायात की जानकरी और गति कन्ट्रोल करे का दावा किये जा रहा है। इंदौर में यातायात के हाल कुछ यु है ट्रैफिक विभाग के अधिकारियो और जवानो के पास न ही स्पीड गन है और वो एक अंदाज से चलनी कार्यवाही कर रहे है।
शहर में ट्रैफिक विभाग के पास स्पीड गन न होने की लापरवाही भोपाल में बैठे अधिकारियों की लापरवाही से हो रही है, जानकारी के मुताबिक पहले कई बार स्पीड गन के लिए कई बार प्रस्ताव भेजा गया लेकिन विभाग को स्पीड गन नहीं मिल पाई। इस लापरवाही के कारण शहर की रफ्तार का पता ही नहीं चल रहा अब जाँच से ही पता किया जायेगा की कितनी स्पीड के कारण शहर में घटना और दुर्घटना हो रही है।
नहीं होती स्पीड तेज़ होने पर कार्यवाही-
ट्रैफिक विभाग के जवान गाड़ियों के चालान केवल बिना हेलमेट और लइसेंस न पाए जाने के चालन बना रहे है, यहाँ स्पीड गन के न होने से उन्हें जब एक्सीडेंट की वारदात होती है, दौरान उनकी तत्परता नहीं के बराबर रहती है। इसलिए अगर स्पीड गन होगी तो गाड़ियों की स्पीड के अनुरूप ही कार्यवाही की जा सकेगी ट्रैफिक नियमों के मुताबिक इंदौर के एबी रोड, एरोड्रम, सुपर कॉरिडोर जैसी जगहों पर कोई भी बाइक अगर सड़क की स्पीड से अधिक तेजी में चलती है, तो उसकी जांच के बाद उस पर फाइन या फिर अन्य कानूनी कार्यवाही की जाएगी।