इंदौर: मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहा बेटियों के लिए सरकार ने कई तरह की योजना और अभियान चलाये है। बात बेटियों की सुरक्षा की हो या शिक्षा की शिवराज सरकार ने सदैव बेटियों के लिए अभियान और योजनाए जारी किये है, इसी कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को “मामा” के नाम भी से भी जाना जाता है। इसी के चलते बेटियों की सुरक्षा हेतु सरकार ने गुम हुयी बच्चियों को तलाशने के लिए 6 जनवरी से एक अभियान “मुस्कान” शुरू किया है, जो बड़ी जल्द ही रंग ला रहा है। इस अभियान में इंदौर का नाम सबसे ऊपर आया है यह इंदौर का पश्चिमी जिला अव्वल आया है। इस अभियान मुस्कान के तहत अभी तक यहाँ गम हुए 10 बच्चों और 43 बच्चियों को ढूंढ कर उनके घरवालो से मिलवा दिया गया है।
अभियान मुस्कान के इस बेहतरीन काम के लिए एसपी ने लापता बच्चे-बच्चियों की तलाश में जुटी टीमों के प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार की घोषणा भी की है। इस पुरस्कार के तहत यदि टीम दस वर्ष से गुम बच्ची को तलाश कर लाती है तो उसे दस हजार रुपये का पुरस्कार मिलेगा और 8 वर्ष से गुम बच्चे-बच्ची को लाने पर आठ हजार पुरस्कार टीम को दिया जायेगा।
क्या है बच्चो के गुम होने कारण
जब तालश में मिले बच्चो से उनके गुम हो जाने के बारे में पूछ गया तो बयान काफी चौकाने वाला रहा है, ज्यादातर बच्चों ने बयानों में बताया कि उन्होंने माता पिता से नाराज होकर घर छोड़ा था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने बच्चों के साथ उनके पालकों की काउंसिलिंग की और उन्हें घर ले जाकर छोड़ा। कुछ बच्चो का बयान था की उन्होंने पढ़ाई के डर के कारण अपना घर छोड़ा था, साथ कोरोना के चलते सभी बच्चो का कोरोना टेस्ट भी कराया गया।
क्यों गुमशुदा थी बच्चिया
एसपी के अनुसार पुलिस को मिली नाबालिग बच्चियों से जबी पूछताछ की गयी तो उनमे से अधिकांश बच्चिया नासमझी में प्रेमियों के साथ भाग गयी थी, और कुछ दोस्तों के बहकावे में आकर भी भाग गयी थी। जिसके बाद पुलिस दवरा सभी बच्चियों को समझया गया कि यह उम्र शादी की नहीं है कानूनन बालिग होने पर वे अपनी मर्जी से शादी कर सकती हैं।