इंदौर जिले में कोरोना की स्थिति में बेहतर सुधार आ रहा है। रिकवरी रेट भी बेहतर हो रहा है । पॉजिटिविटी दर भी कम हो रही है। जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। इसको बरकरार रखना है। सुधरती हुई स्थिति तथा जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर नागरिकों के हित में आर्थिक गतिविधियों को शनै-शनै प्रारंभ किया जाए। यह जानकारी जल संसाधन मंत्री तथा इंदौर जिले के प्रभारी तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में आज संपन्न हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में दी गई। बैठक में एक जून से प्रारंभ किए जाने वाली आर्थिक गतिविधियों के संबंध में चर्चा की गई। समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिया गया कि शहर में बेहतर हो रही परिस्थितियों और जन स्वास्थ्य के मद्देनजर आर्थिक गतिविधियों और अन्य गतिविधियों को प्रारंभ किया जाये।
इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, विधायकगण रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, जीतू पटवारी, संजय शुक्ला तथा विशाल पटेल सहित कृष्णमुरारी मोघे, सुदर्शन गुप्ता,गौरव रणदिवे, राजेश सोनकर, मधु वर्मा, विनय बाकलीवाल, राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, कलेक्टर मनीष सिंह, आयुक्त नगर निगम प्रतिभा पाल, डीआईजी मनीष कपूरिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। सभी के सहयोग से इस स्थिति को और अधिक बेहतर बनाए जाने के लगातार प्रयास हो रहे है। हमारा प्रयास है कि इंदौर जिला कोरोना संक्रमण से शीघ्र मुक्त हो। इसके लिए जरूरी है कि आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू किया जाए। उन्होंने आर्थिक गतिविधियों को एक जून से प्रारंभ करने के संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। बैठक में तय किया गया कि जिले की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ किया जाएगा।
मंत्री सिलावट ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण की चुनौती का सामना एकजुट होकर किया जा रहा है। जिले की स्थिति में लगातार सुधार दिखाई दे रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के प्रोटोकाल का पालन आगे भी कराया जाना जरूरी है। जब तक पूरा जिला कोरोना मुक्त नहीं हो जाता है तब तक हमें विशेष सावधानी, सतर्कता और धैर्य रखने की जरूरत है। आर्थिक गतिविधियों को जन स्वास्थ्य के मद्देनजर शुरू किया जा रहा है। हमारा प्रयास होगा कि जहां एक और नागरिकों के स्वास्थ्य तथा जीवन की सुरक्षा हो वहीं दूसरी ओर लोगों को रोजगार भी मिले।