इंदौर: कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने मांग की है कि इंदौर जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को भंग किया जाए और नई कमेटी का गठन किया जाए । उसमें शहर के गणमान्य नागरिकों और बुद्धिजीवियों को भी शामिल किया जाए। वर्तमान क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी समस्याओं का समाधान करने के बजाय क्राइसिस बढ़ाने में लगी है।
कोरोना से पीड़ित नागरिकों के दुख दर्द में शामिल होने के लिए अस्पताल से लेकर मेडिकल स्टोर तक के चक्कर लगा रहे विधायक संजय शुक्ला ने इंदौर जिले की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को भंग करने की मांग की है।शुक्ला ने कहा कि इस कमेटी का गठन सरकार के द्वारा इस मकसद के साथ किया गया था कि यह कमेटी जनता के दुख दर्द को समझेगी और उसके समाधान की दिशा में काम करते हुए प्रशासन का सहयोग करेगी। वर्तमान में हम यदि इंदौर की इस कमेटी को देखें तो इस कमेटी के सदस्य जनता के दुख दर्द में शामिल होने के बजाय अपने खेल साधने में लगे हुए हैं। यह कमेटी क्राइसिस घटाने के बजाय क्राइसिस बढ़ाने का काम कर रही है।
शुक्ला ने कहा कि वैसे तो नियम के अनुसार इस कमेटी में सभी जनप्रतिनिधियों को लिया जाना चाहिए लेकिन इंदौर में कांग्रेस के विधायक जो कि जनप्रतिनिधि हैं। उन्हें इस कमेटी का हिस्सा नहीं रखा गया है । कमेटी की बैठक में तीनों विधायक संजय शुक्ला, जीतू पटवारी एवं विशाल पटेल को नहीं बुलाया जाता है। इनके स्थान पर पिछले विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा नकार दिए गए भाजपा के नेताओं को बुलाया जाता है । यह कमेटी इंदौर में पूरी तरह भाजपा की नगर इकाई कमेटी बनकर रह गई है। ऐसे में यह आवश्यक है कि इस कमेटी को भंग किया जाए इसके स्थान पर नई कमेटी का गठन किया जाए । जिसमें इंदौर शहर के गणमान्य नागरिकों और बुद्धिजीवियों को भी शामिल किया जाए।