महू में ससुराल होने और महू से बेहद लगाव रखने वाले कॉंग्रेस नेता और मज़दूरों की आवाज़ उठाने वाले इंदौर के रमेश यादव को नहीं पता था की कि उनके परिवार में कोरोना कैसा तूफ़ान लाएगा। केवल एक महीने में ही परिवार बिखर गया। पहले पत्नी को कोरोना हुआ जिनके घुटनों की तकलीफ को लेकर वें 15 सालों से सेवा करते आये, लेकिन कोरोना से पत्नी चल बसी।
कोरोना ने यहाँ भी सब्र नहीं किया खुद रमेश यादव और इकलौती बेटी प्रीती को भी लपेटे में ले लिया। बेहद हंसमुख और सहयोगी स्वभाव की प्रीती एनसीसी में लेफ्टिनेंट भी रही। लेकिन कोरोना ने उसे भी लील लिया। पत्नी और बेटी की मृत्यु से बेखबर रमेश यादव अस्पताल के वेंटिलिटर पर कोरोना से संघर्षरत रहे मगर वे भी कल गुरुवार को दुनिया से अलविदा कह गए।
उनके एकलौते पुत्र मनीष हाय कोर्ट बार के सचिव रह चुके हैं। रमेश यादव वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता योगेश यादव के सगे मौसा रहे। स्व महेश जोशी के नज़दीकी और कॉंग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री, किसान नेता स्व सुभाष यादव के राईट हेंड कहलाने वाले रमेश यादव इंदौर नगर निगम में मज़दूर नेता रहे और सालों तक पेढी के अध्यक्ष रहे। सज्जन सिंह वर्मा ने उन्हें कप्तान उपनाम दिया था।