इंदौर: इंदौर शहर के नीलकंठ कालोनी निवासी 68 वर्षीय महिला की अप्रैल के अंत में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि उन्हें पहला टीका लग चूका था। लेकिन उनकी मौत हो गई। जिसके बाद भी उनके मोबाइल नंबर पर लगातार टीका लगवाने के मैसेज आ रहे है। जिसकी वजह से स्वजन परेशान है।
सबसे बड़ी बात ये है कि अप्रैल में हुई मौत अब तक रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हुई। ये तो पहला ही केस था लेकिन दूसरा मामला भी कुछ ऐसा ही है। दरअसल, इसमें सुकलिया निवासी 47 वर्षीय व्यापारी की मई के पहले सप्ताह में निजी अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी। करीब दो महीने बाद भी मौत रिकार्ड में दर्ज नहीं हुई। उन्हें भी लगातार टीका लगवाने का मैसेज आ रहा है।
वहीं आयुष विभाग उक्त मोबाइल नंबर पर फोन कर योगा क्लास में शामिल होने को कह रहा है। टीम महीनों पहले मृत हो चुके लोगों के टीकाकरण के बारे में उनके स्वजन से पूछताछ कर रही है। ऐसे में अब कोरोना से हुई मौत के आंकडों को लेकर इसके पहले भी शासन पर सवाल उठते रहे हैं। क्योंकि मार्च-अप्रैल में जिन लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है वे शासन के रिकार्ड में अब तक जिंदा हैं।