इंदौर : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में आज यहां संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ.अफरोज अहमद ने कहा कि एनजीटी के निर्देशों के पालन करने में इंदौर देश का मॉडल शहर है। इंदौर में मेट्रो लाइन तथा इसकी संरचना के आसपास वाटर रिचार्जिंग के कार्य किया जाना सराहनीय है। बताया गया कि गांधीनगर से रोबोट चौराहा तक मेट्रो रेल लाइन पर कुल 298 वाटर हार्वेस्टिंग एवं ग्राउंड वाटर रिचार्ज पिट के कार्य कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि नई बसने वाली कॉलोनी में निर्धारित मापदंडों के अनुरूप अनिवार्य रूप से ग्रीन क्षेत्र विकसित कराया जाये। उन्होंने कहा कि इंदौर में हो रहे अच्छे कार्यों का दस्तावेजीकरण भी हो, जिससे कि अन्य जिलों के लिए एक नई राह मिले।
बैठक में डॉ.अफरोज अहमद ने जिला एनवायरमेंट प्लान की समीक्षा की। उन्होंने पर्यावरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की। बैठक में बताया गया कि इंदौर में वर्षा जल संचयन का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चल रहा है। इसके लिए जल गंगा संवर्धन अभियान भी चलाया जा रहा है। जानकारी दी गई की इंदौर शहर में 27 तालाबों के गहरीकरण एवं नदी और तालाबों के जल आवक वाली कैचमेंट क्षेत्र की सफाई का कार्य भी जन भागीदारी के माध्यम से किया जा रहा है। इंदौर शहर में वर्षा के जल को सहेजने के लिए लगभग 300 रिचार्ज सॉफ्ट बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष जिले में लगभग 8 हजार 500 घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी किया गया है। बैठक में शिप्रा एवं कान्ह नदी किनारे के गांवों में घरेलू तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना के संबंध में भी जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि जिले में 51 लाख वृक्षारोपण का कार्य वृहत स्तर पर करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। इसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है।