आबिद कामदार
इंदौर। शहर के युवा गोविंद महेश्वरी (Govind Maheshwari) मधुमक्खी पालन कर लाखों रुपए कमा रहे है। वह इंदौर के देवगुराडिया से है। वह बताते हैं कि इससे पहले वह प्रॉपर्टी डीलर का कार्य करते थे, लाखों रुपए का कामकाज छोड़कर इसके बाद उन्होंने मधुमक्खी पालन (beekeeping) का कार्य शुरू किया और सालाना 15 से 20 लाख का रिटर्न हासिल कर रहे है। वह बताते हैं कि जब शहद निकालते हैं तो अपने ग्राहकों को बुलाकर उनके सामने शुद्ध शहद बॉक्स से बाहर निकलते है।
80 से ज्यादा बॉक्स है, प्रदेश के कई जिलों में इन्हें लेकर ट्रैवल करते है
वह बताते हैं कि मध्य प्रदेश में बड़े मधुमक्खी पालक की फेहरिस्त में उनका नाम आता है, उनके पास मधुमक्खी के 80 से ज्यादा बॉक्स है। साल में कई बार प्रदेश के अन्य जिलों में इन बॉक्स को लेकर ट्रेवलिंग माइग्रेशन करवाते है, जिसमें मुरैना, शिवपुरी, रालामंडल और अन्य जगह पर इन मधुमक्खियों के बॉक्स को ले जाया जाता है। इसके बाद मधुमक्खी फूल और पराग कण से अपना भोजन बनाकर बॉक्स में शहद के उत्पादन को बढ़ाती है। वह बताते है की एक जगह पर वो लगभग 20 से 25 दिन रुकते हैं। यह मधुमक्खियां किसी को कोई हानि नही पहुंचाती है।
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8 से 10 किलो शहद निकलता है एक बॉक्स से
एक बॉक्स को लगभग प्रदेश के अन्य जिलों में ले जाया जाता है, इसके बाद लगभग 2 महीने में एक बॉक्स शहद के लिए तैयार होता है। जिसमें से 8 से 10 किलो शुद्ध शहद निकलता है, वहीं यह बारिश और ठंड के सीजन में इसका उत्पादन बड़ जाता है। इसे वह मार्केट में 600 रुपए किलो में बेचते है।
ऑनलाइन एमेजॉन पर बिकता है शहद लंदन तक किया डिलीवर
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कैसे बेचते है गोविंद महेश्वरी शुद्ध शहद…
शुद्ध शहद की डिमांड हर जगह होती है, गोविंद महेश्वरी ने बताया की शुरुआत में तो लोकल वेंडर्स के माध्यम से सेल किया इसके बाद डिमांड बढ़ी तो ऑनलाइन साइट पर भी अवेलेबल किया, बाहर से कई ऑर्डर आते है हाल ही में लंदन हमारे यहां का शुद्ध शहद भेजा गया।शुरआत में एक बॉक्स तीन से चार हजार का खरीदना होता है, इसके बाद इसे माइग्रेशन करवाने के लिए लेबर, वाहन और अन्य चीजों को मेंटेन करना होता है। वह अब चार प्रकल्प गो पालन, मधुमक्खी पालन, कच्ची घानी तेल और जैविक खेती के संबंध में लोगों को ट्रेनिंग भी दी रहे है।