इंदौर: कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये है कि सभी राजस्व अधिकारी संवेदनशीलता के साथ गंभीर होकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में सुनिश्चित करें। एक वर्ष से अधिक के लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत करें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही तथा अनियमितता पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी। आम जनता की राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये वे जवाबदेह होकर कार्य करें।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज नामांतरण, बटवारा, सीमांकन,डायवर्सन आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा के लिये बैठक ली। इस बैठक में सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा राजस्व अधिकारियों के रीडर्स भी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने राजस्व अधिकारीवार राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर बताया गया कि जिले में राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिये गत नवम्बर माह से विशेष अभियान शुरू किया गया, इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे है। बताया गया कि जहां गत 15 नवम्बर तक जिले में 31 हजार 336 प्रकरण पंजीबद्ध थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 39 हजार 218 हो गई है। इस अवधि में निराकृत प्रकरणों की संख्या 15 नवम्बर तक 14 हजार 438 थी, वह बढकर अब 32 हजार 480 हो गई है। इस तरह निराकरण का प्रतिशत 46 प्रतिशत से बढ़कर 82.82 हो गया है।
बैठक में बताया गया कि जिले में पुराने लंबित प्रकरणों के निराकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि एक वर्ष से अधिक के लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण हो जाये, कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिये। बैठक में निर्देश दिये गये कि सीमांकन के प्रकरण भी छह माह के भीतर ही निराकृत हो। ऐसे राजस्व निरीक्षक जिन्हें सीमांकन के लिये टीसीएम मशीन का संचालन नहीं आता है या कोई दिक्कत होती है, तो उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। निर्देश दिये गये कि रीडर्स के पास जैसे ही प्रकरण ऑनलाइन आते है, उन्हें 24 घण्टे के भीतर ही संबंधित अधिकारी तक पहुंचा देना चाहिये।
रीडर्स की लॉगिन पर लम्बे समय तक कोई भी प्रकरण नहीं होना चाहिये। बैठक में निर्देश दिये गये कि राजस्व प्रकरण के निराकरण में किसी भी तरह की गलती नहीं की जाये, गलती अक्षम्य है। ऐसे कार्य करें, जिससे की आम जन के चेहरे पर खुशी दिखाई दें। अच्छे से अच्छा कार्य करें। समय पर निर्णय ले। तत्काल समस्याओं का निराकरण करें। कोई भी प्रकण लंबित नहीं रहे। अधिकारियों को अच्छे कार्यों के लिये पूरा सहयोग दिया जायेगा। सभी अधिकारी अपने-अपने अधिनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों से नियमित संवाद रखें। उन्हें आवश्यकता होने पर कार्य प्रणाली के बारें में समझायें एवं सिखायें।
आवश्यकता के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण भी दें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करें। जनता के हित में कार्य करें। आने वाले हर व्यक्ति की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई कर उसका सकारात्मक निराकरण करें। अच्छे उद्देश्य से कार्य करें। सभी अधिकारी बेहतर कार्य करें, उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जायेगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्र, श्री मयंक अग्रवाल, श्री पवन जैन, श्री अभय बेड़ेकर, श्री अजयदेव शर्मा, श्रीमती कीर्ति खुरासिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इंदौर जिले में डायवर्सन वसूली के लिये चलेगा अभियान
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कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बकायदारों से निर्धारित समय में डायवर्सन की राशि जमा करने का आग्रह किया
इंदौर जिले में डायवर्सन की बकाया राशि की वसूली के लिये अभियान चलाया जायेगा। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सभी बकायदारों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित समय में डायवर्सन की बकाया राशि जमा करें। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज सम्पन्न हुई राजस्व अधिकारियों की बैठक में इस संबंध में सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष लगभग 39 करोड़ रूपये की नयी मांग कायम की गई है। पूर्व वर्ष की 16 करोड़ रूपये से अधिक की वसूली बकाया है। इस तरह कुल 55 करोड़ रूपये की वसूली की जाना है। इसमें से अभी तक कुल 10 करोड़ रूपये वसूल किये जा चुके है। शेष 45 करोड़ रूपये की वसूली अभियान चलाकर की जायेगी।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सर्व प्रथम बड़े बकायदारों से राशि वसूल करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि सभी तहसीलदार लक्ष्य अनुसार वसूली के लिये विशेष प्रयास करें। बकायदारों को नोटिस जारी किये जा रहे है। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि ऐसे उपयोगकर्ता, जो वास्तविक भूमि उपयोग के अलावा अन्य किसी प्रयोजन में भूमि का व्यवसायिक उपयोग कर रहे है, उनसे भी पून: निर्धारण के तहत राशि वसूल की जाये। उन्होंने बताया कि डायवर्सन की वसूली व्यवस्था को और अधिक बेहतर तथा सुदृढ़ बनाने के लिये सभी तहसील कार्यालयों में अतिरिक्त कम्प्युटर और अतिरिक्त आपरेटरों की व्यवस्था की जा रही है।