इंदौर 2 जनवरी, 2021
कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिये है कि जिले में मनरेगा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। इस योजना के अंतर्गत गांवों में शांतिधाम बनाने, खेल मैदान विकसित करने, स्कूलों की बाउंड्रीवाल बनाने तथा आँगनवाड़ी भवनों की मरम्मत तथा नये आँगनवाड़ी भवन बनाने के कार्य प्राथमिकता से कराये जाये।
उन्होंने यह निर्देश आज यहां जिला पंचायत में सम्पन्न हुई मनरेगा के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु चन्द्र, अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल एवं अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर सहित जिले के जनपद सीईओ एवं मनरेगा अमला उपस्थित था।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देश दिये कि भवन विहीन आंगनवाडियों के भवन निर्माण के कार्य मनरेगा एवं 15 वां वित्त अभिसरण से प्राथमिकता से लिये जाये। जीर्णशीर्ण आंगनवाडी भवन के सुधार कार्य भी इस योजना से किये जाये। श्मशान घाट विहीन सभी ग्रामों में प्राथमिकता से शांतिधाम निर्माण के कार्य कराये जायें। पूर्व से निर्मित श्मशान घाटों पर अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाये। उन्होंने कहा कि खेल मैदान विहीन गांवों में खेल मैदान के कार्य भी स्वीकृत किये जाये। शाला भवन बाउण्ड्रीवाल के कार्य मनरेगा एवं 15वां वित्त से प्राथमिकता से सुनिश्चित करे।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि आजीविका समूह हेतु क्लस्टर कार्यालय के भवन एवं उर्पाजन केन्द्रों हेतु चबूतरा निर्माण कार्य प्राथमिकता से लिये जाये एवं निर्मित गौ-शालाओं का संचालन कार्य आजीविका समूह से करवाया जाये, जिससे इन परिवारों को आय प्राप्त हो।
समीक्षा में पाया गया कि जिले में मनरेगा अन्तर्गत सामग्री पर व्यय का प्रतिशत मात्र 28 है एवं सांवेर एवं इन्दौर जनपद में यह प्रतिशत बहुत ही कम है। मनरेगा अन्तर्गत स्थाई परिसम्पत्तियां निर्मित करने का लक्ष्य है। निर्देश दिये गये कि सामग्री व्यय को बढाकर 40 प्रतिशत सीमा तक सीमित रखते हुये अधिकाधिक स्थाई अद्योसंरचना कार्य किये जाये। कार्यपालन यंत्री सुनिश्चित करे कि जो कार्य मौके पर हो चुके है उनके सामग्री देयक के एमआईएस में एन्ट्री शेष ना हो, यदि किसी उपयंत्री द्वारा अनावश्यक सामग्री देयक लंबित पाये जाने पर संबंधित पर कड़ी कार्यवाही की जाये।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चन्द्र ने बताया गया कि जिले मे पशुपालन हेतु बैंक/परियोजना से सहायता प्राप्त आजीविका समूह के महिलाओं को पशुपालन हेतु केटल शेड एवं बकरीपालन शेड के 400 कार्य स्वीकृत किये गये है, जिससे इन महिलाओं को पशुपालन से आय में वृद्धि होगी।
सीईओ जनपद देपालपुर द्वारा बताया गया कि उनके यहां पर गौ-संवर्धन बोर्ड से पंजीकृत ग्राम गलोण्डा, गंगाजलखेडी, सिकन्द्री एवं देवराखेडी में चार गौशालाऐं संचालित है जिनका विस्तारीकरण गौशाला परियोजना में किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर सिंह द्वारा उक्त चार कार्य तत्काल स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये। कपिलधारा योजना की समीक्षा में जनपद पंचायत महू मे वर्ष 2018-19 के 44 एवं वर्ष 2019-20 के 48 कपिलधारा कूप अपूर्ण पाये जाने पर कलेक्टर द्वारा सीईओ जनपद महू को उक्त पुराने कूपो को 31 जनवरी तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा जिले की चार जनपदो द्वारा लेबर बजट लक्ष्यों की वर्ष में अब तक की प्रगति एवं श्रमिकों को समय-सीमा से भुगतान किये जाने की समीक्षा भी की गयी।