इंदौर : कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देश दिये है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में समन्वयक अधिकारी के रूप में कार्य करें। वे विभिन्न शासकीय विभागों और अपने क्षेत्रातंर्गत आने वाले नगर परिषदों की जन हितेषी और जन-कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की लगातार मॉनिटरिंग करें। वे यह सुनिश्चित करें कि राजस्व सहित अन्य समय-सीमा के प्रकरणों का निर्धारित समय में निराकरण हो।
श्री मनीष सिंह ने आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में समयसीमा के पत्रों के निराकरण (टीएल) की बैठक ली। बैठक में अपर कलेक्टर श्री पवन जैन, श्री अभय बेड़ेकर, श्री अजयदेव शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सीएम हेल्पलाइन के अन्तर्गत दर्ज प्रकरणों की विशेष रूप से समीक्षा की। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में दर्ज शिकायतों को देखें तथा उनका समयसीमा में निराकरण सुनिश्चित करें। सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। प्रकरणों का निराकरण संतुष्टिपूर्वक किया जाये।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रातंर्गत आने वाले सभी नगर परिषदों के कार्यों की भी नियमित रूप से समीक्षा करें। सभी एसडीएम संबंधित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नगर परिषदों के प्रशासक के रूप में साफ-सफाई, पेयजल, आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन आदि की समीक्षा करें। विभिन्न विकास कार्यों को भी देखें। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे समन्वयक अधिकारी के रूप में भी कार्य करें। तदनुसार वे विभिन्न विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की मानिटरिंग करें। जनहित में इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करवाएं। बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि डायवर्शन के रिकॉर्ड को अद्यतन किया जाये।
डायवर्शन राशि की मांग निर्धारित कर उसकी वसूली पर भी ध्यान देवें। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि जिले में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विशेष सावधानी एवं सतर्कता बरती जाए। सर्दी, खांसी, बुखार के पीड़ित सभी मरीजों की अनिवार्य रूप से सैंपलिंग कराई जाए। बैठक में उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि वे सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग संबंधी प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को प्रक्रियात्मक प्रशिक्षण देवें।