आयकर विभाग जब भी किसी समूह पर छापेमारी की कार्रवाई करता है, तो उसके पास उस समूह के खिलाफ पर्याप्त सबूत होते।
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि ‘दैनिक भास्कर समूह’ के ठिकानों पर छापे मारे हैं, न कि ‘दैनिक भास्कर अखबार’ पर!
इस कार्रवाई के लिए ‘पत्रकारिता पर चोट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना गलत भी है और बेवकूफी भी।
दैनिक भास्कर समूह केवल पत्रकारिता के क्षेत्र में नहीं, बल्कि कंस्ट्रक्शन, माइनिंग, हॉस्पिटैलिटी, स्कूल समेत अन्य कई क्षेत्रों में कार्यरत है। इसकी ही वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर जॉंच एजेंसी जॉंच कर रही है ।
आयकर विभाग ने कहा- विभाग प्रोटोकॉल को ध्यान में रखे हुए है। जांच दल केवल टैक्स चोरी से संबंधित भास्कर समूह के वित्तीय लेनदेन की जांच कर रहा।