MP Weather Alert Today: बीते काफी दिनों से प्रदेश के वातावरण में निरंतर उतार चढ़ाव का प्रक्रम लगातार कायम हैं। जहां शनिवार को कम से कम टेंपरेचर में अच्छी खासी वृद्धि बढ़ोतरी देखी गई हैं। खरगोन को छोड़ बाकी शेष सभी जिलों का कम से कम टेंपरेचर 15 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया हैं। इस बार की सर्दी के मौसम में नवंबर माह में ऐसा पहली मर्तबा हुआ है, जबकि कम से कम पारा 15 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है।
वहीं, अधिक से अधिक पारे में भी समानता का क्रम देखने को मिल रहा है और सर्वाधिक पारा 34 डिग्री सेल्सियस पर रुका हुआ है। हालांकि शनिवार को ग्वालियर चंबल संभाग के कुछ एक जगहों पर मामूली वर्षा का सिलसिला देखा गया है। बीते 24 घंटे के बीच ग्वालियर में 0.5 मिमी बरसात रिकॉर्ड हुई है। भिंड, मुरैना, श्योपुर कला, निवाड़ी, शिवपुरी, छतरपुर में भी रिमझिम बरसात हुई।
इस मौसम प्रणाली के चलते मौसम में हुआ बड़ा बदलाव
मौजूदा समय में एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पूर्वी उत्तर प्रदेश पर द्रोणिका के रूप में एक्टिव हुआ है। वहीं पाकिस्तान के मध्य में एक उत्साहित साइक्लोन निर्माणित हुआ है। इन दोनों मौसम तंत्रों के चलते ही उत्तर भारत में आसमान में मेघ डेरा डाले हुए हैं।
प्रमुख शहरों का कम से कम टेंपरेचर
इधर शनिवार को प्रमुख शहरों के कम से कम टेंपरेचर के विषय में बात की जाए तो खरगोन में अत्यंत न्यून 14 डिग्री सेल्सियस कम से कम टेंपरेचर नोटिस किया गया। छतरपुर जिले के नौगांव में 15.4, राजधानी भोपाल में 18, ग्वालियर में 17.2, इंदौर में 18.8 और जबलपुर में 18.3 डिग्री सेल्सियस कम टेंपरेचर नोट किया गया हैं। इन सभी शहरों में कम से कम टेंपरेचर में बढ़ोतरी देखी गई हैं।
दिवाली के बाद होगा कड़ाके की ठंड का आगाज
यहां मौसम स्पेशलिस्ट के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर भारत से आगे पहुंचने लगा है। इन वजहों के चलते हवाओं का रुख उत्तरी होने लगा है। आगामी दिनों में संपूर्ण मध्य प्रदेश के कम से कम पारे में कमी आ सकती है। दीपावली के बाद प्रदेश का मौसम अंगड़ाई ले सकता है और कम से कम टेंपरेचर में कमी का दौर देखा जा सकता है।
ऐसा रहा सर्वाधिक पारा
इधर सर्वाधिक पारे के विषय में बात की जाए तो ज्यादा से ज्यादा पारा दमोह में 34 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया हैं। राजधानी भोपाल में 31.6, ग्वालियर में 27.3, इंदौर में 31.2 और जबलपुर में 30.9 डिग्री सेल्सियस कम से कम टेंपरेचर रिकॉर्ड हुआ है। मौजूदा समय में वेस्टर्न मध्य प्रदेश में उत्तरी हवाएं चलना शुरू हो चुकी हैं। इन इलाकों में सर्दी शीघ्र ही अपने पैर पसार सकती है। वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश में अभी भी तेज हवाओं के झोकों का मिजाज दक्षिण पश्चिम बना हुआ है।