करीब 10 दिनों की सूखी अवधि के बाद, बुधवार को मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला फिर से शुरू हो गया। राजधानी भोपाल के साथ-साथ इंदौर, राजगढ़, गुना, टीकमगढ़, खंडवा, बालाघाट, नर्मदापुरम, सीहोर और विदिशा सहित 20 से अधिक जिलों में बारिश हुई। खंडवा में दिनभर में सवा 2 इंच बारिश दर्ज की गई, जो क्षेत्रवासियों के लिए राहत का सबब बनी।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम विशेषज्ञों ने गुरुवार के लिए 31 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। निम्न दाब क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) के प्रभाव से अगले तीन दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रहेगा। विशेषकर बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, सिवनी और पांढुर्णा में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश में तेज बारिश का एक नया सिस्टम फिर से सक्रिय हो गया है, जिससे प्रदेश तरबतर हो गया है। बुधवार को भोपाल और इंदौर सहित 21 जिलों में बारिश हुई, जबकि गुरुवार को जबलपुर, सागर समेत 16 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह सितंबर का चौथा मजबूत सिस्टम है, जिसके कारण अगले 24 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटे के लिए रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट में चार जिले शामिल हैं, अलीराजपुर, झाबुआ, उत्तर बड़वानी, दक्षिण पश्चिमी धार के कुछ इलाके इसके अतिरिक्त, ऑरेंज अलर्ट में नर्मदापुरम, अलीराजपुर, छिंदवाड़ा और मंडला शामिल हैं। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव प्रणाली के कारण भारी बारिश और आंधी की संभावना जताई है।
इन जिलों में बारिश के आसार
भोपाल में सितंबर महीने में अब तक 9.1 इंच बारिश हो चुकी है, जो पिछले 10 वर्षों में तीसरी बार इतनी अधिक बारिश दर्ज की गई है। यह रिकॉर्ड प्रदेशवासियों के लिए राहत का प्रतीक है। हालांकि, पिछले छह दिनों से प्रदेश में अधिकतम तापमान 33-34 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जो पिछले तीन सालों में सबसे अधिक है। दिन का तापमान 34.8 डिग्री तक पहुंच गया है, जो 2020 के बाद का सबसे गर्म दिन माना जा रहा है। इस बारिश के दौर से प्रदेश में न केवल फसलों को फायदा होगा, बल्कि यह गर्मी से भी कुछ राहत प्रदान करेगा।
इस वजह से हो रही है बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, वर्तमान में दक्षिणी छत्तीसगढ़ के ऊपर एक चक्रवात सक्रिय है। इस चक्रवात के प्रभाव से क्षेत्र में बारिश की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। इसके अतिरिक्त, कोंकण से बांग्लादेश तक एक द्रोणिका (लाइन ऑफ डिप्रेशन) बनी हुई है। यह द्रोणिका भी बारिश को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
तेलंगाना के आसपास विपरीत दिशा की हवाओं का सम्मिलन, जिसे शियर जोन कहा जाता है, भी मौसमी बदलाव में योगदान दे रहा है। यह मौसम प्रणाली छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में जलवायु को प्रभावित कर रही है, जिससे बारिश का सिलसिला जारी है। इस प्रकार, ये सभी मौसमी तत्व मिलकर बारिश की गतिविधियों को तेज कर रहे हैं, जिससे प्रदेशवासियों को मौसम में बदलाव का अनुभव हो रहा है।