पिछले कुछ सालों में यूरोलॉजी मैं कई बदलाव आए हैं इससे संबंधित लोगों में जागरूकता बढ़ी है, वही इससे संबंधित बीमारियां ज्यादा अग्रेसिव हो गई हैं – Dr. Vineet Naja Jain Shalby Hospital

Suruchi
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इंदौर। यूरोलॉजी में अगर बात की जाए तो कुछ बीमारियां काफी ज्यादा अग्रेसिव हो गई है जिसमें प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारी शामिल है। वहीं इसके पेशेंट में भी पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़त हुई है हमारे बदलते खानपान और जीवनशैली की वजह से इसका असर इस प्रकार की बीमारियों में देखने को मिल रह है। हमारे खान-पान से शुद्ध भोजन की जगह केमिकल से भरपूर भोजन ने जगह बना ली है इसी के साथ हमारा व्यायाम पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है वही कॉर्पोरेट सेक्टर और अन्य जगह काम करने पर स्ट्रेस लेवल भी बहुत ज्यादा बढ़ चुका है यह सब आगे चलकर हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारी को बढ़ावा देता है। पहले जो यह बीमारी ओल्ड एज में देखने को मिलती थी आजकल यंग एज में भी देखने को मिल रही है।यह बात डॉक्टर विनीत नाजा जैन ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही व शहर के प्रतिष्ठित शेल्बी हॉस्पिटल में यूरोलॉजिस्ट यूरो सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. पहले के मुकाबले यूरोलॉजी में किस तरह के बदलाव आपको देखने को मिल रहे हैं

जवाब. आज टेक्नोलॉजी और अन्य कारणों के चलते लोगों में हर बीमारी को लेकर जागरूकता बढ़ी है इसी के साथ यूरोलॉजी की अगर बात की जाए तो पहले यूरोलॉजी के पेशेंट मिसगाइड होने के साथ यह बीमारी बताने में शर्म महसूस करते थे, वहीं इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे जो कि अब काफी ज्यादा बदल गया है। पहले एक समय बीतने के बाद जब पेशेंट आते थे तो उनकी बीमारियां बढ़ जाती थी। लेकिन अब सही समय पर इलाज होने से से इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

सवाल. यूरोलॉजी में किस तरह के कैंसर होते हैं और इनके लक्षण क्या होते हैं जिसे आसानी से पहचाना जा सके

जवाब. आमतौर पर यूरिनरी ब्लैडर कैंसर, प्रॉस्टेट कैंसर और किडनी के कैंसर में यह जरूरी नहीं कि उस स्थान पर दर्द की अनुभूति हो। कई बार इस तरह की समस्या होने पर यूरिन में ब्लड का आना, वजन कम होना भी इसके लक्षण है। कैंसर कोई भी हो अनकंट्रोल्ड ग्रोथ का होना सही नहीं होता है। हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में बनने वाले अनकंट्रोल्ड सेल्स आगे चलकर कैंसर का कारण बन जाते हैं। किसी भी कैंसर की चार स्टेज होती है अगर इसे पहले स्टेज में जांच कर इसका सही समय पर इलाज कर दिया जाए तो इसे कंट्रोल करना और जड़ से खत्म करना काफी ज्यादा आसान हो जाता है। कई बार इसे नजरअंदाज करने पर यह लास्ट स्टेज पर चला जाता है इस वजह से पेशेंट को काफी ज्यादा समस्या होती है और कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है।

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सवाल. गर्मी के सीजन में पथरी के मरीज को किस तरह की समस्या हो सकती है इसके लिए किस तरह की सावधानी रखी जानी चाहिए

जवाब.आजकल हमारे खान पान में ज्यादा सॉल्ट, फैमिली हिस्ट्री, पानी की कमी और अन्य कारणों से लोगों को पथरी की समस्या बहुत ज्यादा कॉमन होती दिखाई दे रही है। वही हर व्यक्ति इसका अपने तरीके से इलाज बताता है इन सब चीजों के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेकर इसका इलाज करवाना ज्यादा सही रहता है। पहले के मुकाबले इसकी टेक्नोलॉजी और मेडिकल में भी बहुत ज्यादा बदलाव आए हैं जिसमें अल्ट्रासाउंड और स्कैनिंग की मदद से छोटे स्टोन का भी पता लगाकर उन्हें ट्रीट किया जा सकता है। अभी गर्मी के सीजन में कई बार पानी की कमी की वजह से इसका अचानक दर्द स्टार्ट होता है। ऐसे में किडनी पेशेंट खुद को हाइड्रेट रखें इसी के साथ बीच-बीच में पानी पिए ताकि इस तरह की समस्या सामने ना आए। एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 3 से 4 लीटर तक पानी पीना चाहिए वहीं 24 घंटे में डेढ़ से 2 लिटर यूरिन पास करना सही होता है।

सवाल. वर्तमान समय में यूरोलॉजी से संबंधित कौन सी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है

जवाब. सामान्य तौर पर हमारे यूरिनरी ब्लैडर में 300 से 400 एम एल यूरिन जमा होने पर उसे पास करने जाते हैं। लेकिन कई लोगों में यह भी देखा गया है कि वह रात में चार से पांच बार उठते हैं इसी के साथ दिन में भी हर एक से 2 घंटे के अंतराल में यूरिन पास करने जाते हैं। यह समस्या सामान्य तौर पर उन लोगों में देखी जाती हैं जिनमें या तो कोई यूरिनरी इनफेक्शन होता है या फिर यह प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। सामान्य व्यक्ति की अगर बात की जाए तो दिन में तीन से चार बार वही रात में एक बार यूरिन पास करने जाना सही होता है। इससे ज्यादा होने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर इसका ट्रीटमेंट करवाना सही रहता है।

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सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की शिक्षा किन कॉलेज और किस क्षेत्र में पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी मेडिकल फील्ड में एमबीबीएस की पढ़ाई किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से पूरी की। इसी के साथ एमएस की पढ़ाई भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से पूरी की है। मैने पीजीआई चंडीगढ़ से यूरोलॉजी में स्पेशलाइजेशन किया है। वही देश के प्रतिष्ठित कॉलेज से लेजर ट्रीटमेंट और किडनी ट्रांसप्लांट में ट्रेनिंग भी पूरी की। मैंने देश के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल जैसे अस्पताल शामिल है अभी वर्तमान में पिछले कई सालों से मैं शेल्बी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।