IIM इंदौर ने CM राइज़ स्कूलों के स्कूल प्रधानाचार्यों के लिए किया क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम आयोजित

Akanksha
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आईआईएम इंदौर का उद्देश्य सामाजिक रूप से जागरूकऔर प्रासंगिक प्रबन्धन स्कूल बने रहना है, और संस्थान राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए हर कदम उठाना सुनिश्चित करता है। इस मिशन के अनुरूप, संस्थान अबमध्य प्रदेश सरकार की सी.एम. राइज़ परियोजना का हिस्सा बन गया है और इसमें योगदान देने के लिए उत्सुक है। इस परियोजना का उद्देश्य दस वर्षों की समय सीमा में 9200 स्कूलों का समग्र विकास करना है। इसके तहत, आईआईएम इंदौर सी.एम. राइज़ के पहले चरण में 276लीडर्स के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम / कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आयोजित कर रहा है। 13 दिसंबर, 2021 को शुरू हुए पहले बैच में सी.एम. राइज़. स्कूलों के कुल 66 प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक श्री एस. धनराजू ने किया।

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आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने कहा कि संस्थान हमेशा सभी के उत्थान में योगदान देने के लिए उत्सुक रहा है, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ‘हम सी.एम. राइज़ का हिस्सा बनकर प्रसन्न हैं। मध्य प्रदेश सरकार की यह परियोजनान केवल हजारों स्कूलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि विद्यार्थियों के कौशल, रुचियों और प्रतिभा की पहचान करके और उन्हें राष्ट्र के सक्षम नेताओं और प्रबंधकों के रूप में विकसित करके उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करती है। आईआईएम इंदौर का यह अनूठा क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम इन सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित करने में सहायक होगा। यह पाठ्यक्रम मध्य प्रदेश में पब्लिक-स्कूल परिदृश्य के लिए प्रासंगिक रूप से तैयार किया गया है। आईआईएम इंदौर प्रशिक्षण की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए व्याख्यान, केस स्टडी, चर्चा, समूह गतिविधियों, फ़ील्ड विजिट और निर्धारित पठन सामग्री के विवेकपूर्ण मिश्रण का उपयोग करेगा।

स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि शमी ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले एक दशक में हर क्षेत्र में उन्नति की है और विकास के लिए कई पहल की हैं। ‘इन्हीं में से एक है राज्य सरकार की सीएम राइज़ योजना, जिसके तहत हम राज्य में 9200 सर्व सुविधायुक्त स्कूल शुरू करने जा रहे हैं’ उन्होंने कहा। शिक्षा देश के भविष्य की आधारशिला है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत हुई पहल को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना के प्रथम वर्ष में हम 350 स्कूलों का चयन कर रहे हैं जिसमें ट्राइबल एरिया, सामान्य वर्ग के व सभी पिछड़े क्षेत्र के स्कूल शामिल होंगे। ये स्कूल शिक्षा के विश्व-स्तरीय मापदंडों को अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर का क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम एक सराहनीय पहल है और इसी योजना का एक अमूल्य अंग है जो बच्चों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्कूलों के प्राचार्यों को उच्चतम प्रशिक्षण देगा और उन्हें इस योजना में सर्वोत्तम प्रदर्शन और योगदान देने में सक्षम बनाएगा।

धनाराजू ने कहा कि यह कार्यक्रम इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए ‘दूरदर्शी लीडरों’ का एक समूह बनाने में सक्षम होगा। ‘यह एक बिजनेस स्कूल द्वारा पेश किया जा रहा अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य स्कूल के प्राचार्यों को नवीन और समावेशी शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर द्वारा तैयार किए गए मजबूत पाठ्यक्रम के साथ, यह बैच देश में ऐसे प्राचार्यों की एक मिसाल कायम करेगा, जो बच्चों के प्रति संवेदनशील हैं, और जो उन्हें राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करतेहैं। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम को और अधिक संशोधित किया जाएगा और पहले बैच की प्रतिक्रिया को अपनाकर प्राचार्यों के साथ सह-निर्मित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह कार्यक्रम भारत की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में योगदान देने का एक प्रयास है और इसलिए, प्रत्येक हितधारक का विचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है’। उन्होंने बैच को कक्षा सत्रों से ज्ञान प्राप्त करने और कार्यक्रम को पूरा करने के बाद इसे लागू करके सीखने को और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रो. सौम्य रंजन दाश, डीन-प्रोग्राम, और प्रोग्राम समन्यवक प्रो. वैजयंती आनंद एवं प्रो. श्रुति तिवारी ने सभी प्राचार्यों को इस अभिनव कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए शुभकामनाएं दी।

प्राचार्यों के अनुभव:
1. आईआईएम इंदौर के सभी फैकल्टी ने अत्यंत सुगम, सरल और रोचक तरीके से सभी समस्याओं का हल दिया और आने वाले चुनौतियों का सामना करने और उनका समाधान खोजने का मार्ग दिखाया। इस पाठ्यक्रम से मिली जानकारी से हम स्कूल के विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से शिक्षित कर सकेंगे और उन्हें सुयोग्य नागरिक बनाने में योगदान दे सकेंगे।
– श्री आर.सी. जैन, प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल गोबेरहेला, विदिशा
2. सी.एम. राइज़ योजना के अंतर्गत हुए इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनकर हम सभी अभिभूत हैं। आईआईएम इंदौर एक विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान है और पाठ्यक्रम के सभी सत्र बेहद शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक रहे। यहाँ के फैकल्टी सदस्यों ने हमें प्रोत्साहित किया है और हम सभी शासन की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उत्सुक हैं।
– सुश्री अनीता नामदेव, प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल जेठवाय, खरगोन