शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। शनि देव की कृपा न हो तो कोई काम सफल नहीं हो पाता है ना ही शादी , ना ही संतान, और ना ही धन की प्राप्ति हो पाती है। इनकी कृपा जिसके ऊपर भी हो जाती है उस इंसान को कोई भी परेशानी नहीं आ सकती।
ज्योतिषों के अनुसार, 25 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो गई है। ये खास माह विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से छुटकारा पाना चाहते हैं तो श्रावण मास में भोलेनाथ की आराधना करें। चलिए जानते हैं कि कैसे भगवान भोलेनाथ शनि के दुष्प्रभावों से छुटकारा दिला सकते हैं।
ऐसे में भगवान शिव ने ही शनि देव को कर्मफल दाता की उपाधि दी थी। शनिदेव भी भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं। जाहिर सी बात है कि अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं या उनकी भक्ति करते हैं तो इससे आपको शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। आपको बता दे, शनि पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए ये बहुत ही अचूक उपाए है। आज हम आपको उनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए सावन माह में भगवान भोलेनाथ की आराधना कैसें करें इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी के अनुसार, आगरा आप सबसे पहले तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें काले तिल डालें फिर हर शनिवार को इस जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें। ऐसे में अगर आप सावन मास के हर शनिवार को भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं तो इससे आपकी कुंडली से शनि दोष खत्म होगा।इसके अलावा शनिदेव से संबंधित सभी वस्तुओं को शनिवार के दिन जरूरतमंद व गरीबों को दान मे दें। इन वस्तुओं में काला कपड़ा, काला तिल, काला छाता, ताला, चप्पल आदि भी शामिल हो सकते हैं।
वहीं हर शनिवार शनि देव को सरसों या तिल के तेल का दीपक दिखाएं। एवं रूद्राक्ष से शनि देव के मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा कच्चे चावल शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह मजबूत स्थिति में आते हैं। साथ ही ऐसा करने से शनिदेव के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
आपको बता दे, शनिवार के दिन भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। साथ ही शनिवार के दिन शनि मंदिर में जौ का दान करने से जीवन में सुख-शांति आती है। सावन के हर शनिवार चीटियों को गुड़ खिलाएं व पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। एक पान के पत्ते में काले तिल, लोहे की कील, एक रूपए के सिक्के को डालकर शनिदेव को जरूर अर्पित करें।