प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए फिर से कच्चातिवु के मुद्दे को उठाया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि , अगर वहां कोई नहीं रहता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि आप उसे छोड़ देंगे? एक कांग्रेस नेता ने कल पूछा कि क्या वहां कोई रहता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि फिर आप इस रेगिस्तान के बारे में क्या कहेंगे? कि क्या यहां कोई रहता है? क्या यह देश की सेवा करने का तरीका है? यह उनकी मानसिकता है। देश में एक निर्जन जगह उनके लिए सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा है, मोदी ने भाजपा के आरटीआई दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया कि चुनाव से ठीक पहले कच्चातिवु मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो गया है कि यह द्वीप कांग्रेस ने श्रीलंका को सौंप दिया था।
इतना ही नही पीएम मोदी ने कहा कि इस वीडियो को कांग्रेस नेताओं को भेजें क्योंकि मैं राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के बीच संबंध समझाता हूं। राजस्थान में शहीदों के उन गांवों में जाएं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए अपनी जान दे दी। और आप मुझसे पूछते हैं कि संबंध क्या है? उनकी विचार प्रक्रिया इतनी संकीर्ण हो गई है, कहा , अगर वे विरोध में ऐसा करते हैं, तो कल्पना करें कि वे सत्ता में आने पर भारत की सुरक्षा के साथ क्या कर सकते हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि डीएमके श्रीलंका को द्वीप देने में शामिल थी। जयशंकर ने कहा, बातचीत बंद दरवाजे के पीछे हो रही थी, एक समझौता हुआ और तत्कालीन द्रमुक मुख्यमंत्री इस पर सहमत हुए… लोगों को पता होना चाहिए कि ऐसी पार्टियां हैं जो संसद में कुछ कहती हैं और बंद दरवाजे के पीछे कुछ और तय करती हैं.।