इंदौर (Indore News) : आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और अधिक पुख्ता करें। विभिन्न आपदाओं के बेहतर प्रबंधन के लिये एसओपी तैयार करें। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रालय भोपाल में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव जल-संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा, महानिदेशक होमगार्ड श्री अशोक दोहरे, एडीजी श्री अशोक अवस्थी, आई.जी. एसडीईआरएफ श्रीमती दीपिका सूरी, सचिव श्री डी. श्रीनिवास वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने विभिन्न आपदाओं के प्रबंधन के लिये जिला एवं राज्य स्तर पर एसओपी तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एसओपी तैयार हो जाने से विभिन्न आपदाओं का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। बैठक में डॉ. मिश्रा ने आपदा प्रबंधन के लिये होमगार्ड के 2425 पदों को स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स (एसडीईआरएफ) में सौंपने के लिये प्रस्ताव केबिनेट को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने होमगार्ड में अनुसचिवीय बल के युक्ति-युक्तकरण के आदेश जारी करने के भी निर्देश दिये। डॉ. मिश्रा ने महानिदेशक होमगार्ड को निर्देशित किया है कि जिन जिलों में होमगार्ड के डिस्ट्रिक कमाण्डेंट के पद रिक्त हैं, वहाँ पर कम्पनी कमाण्डर को डिस्ट्रिक कमाण्डेंट के पद का प्रभार सौंपे जाने के लिये भी आवश्यक कार्यवाही करें।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने आपदा की स्थिति में बेहतर निगरानी और त्वरित सहायता पहुँचाने के लिये होमगार्ड और एसडीईआरएफ के स्टेट कमाण्ड सेंटर को सतत मॉनीटरिंग करने को कहा। उन्होंने बैठक में निर्देशित किया कि मानसून को देखते हुए आपदा प्रबंधन की तैयारियों में लापरवाही नहीं बरती जाये। उन्होंने आपदाओं से निपटने के लिये आवश्यक संसाधनों का पूर्व से ही पुख्ता बंदोबस्त करने को कहा।
विभाग का मानवीय पक्ष भी सामने आना जरूरी
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न आपदाओं और विपत्तियों के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर जनहित में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में हमारे जवान कड़ी धूप और बारिश में भी मैदानी कार्य करते रहे। इस दौरान कई अधिकारी-कर्मचारी शहीद हो गये। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि हो या बाढ़, हमारे जवान स्वयं को संकट में डालकर जनता की रक्षा करते हैं। डॉ. मिश्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि विपरीत परिस्थितियों में भी संवेदनशीलतापूर्वक कार्य करने वाले विभाग के मानवीय चेहरे को भी सामने लाया जाये।