इंदौर : कोरोना महामारी के कारण स्कूलों और पालकों के बीच लंबे समय से जारी जंग को आखिरकार उच्च न्यायलय के एक फैसले ने शांत कर दिया है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि अभिभावकों को बच्चों की इस जारी नए सत्र के लिए फीस का भुगतान करना ही होगा. इस संबंध में HC द्वारा यह अंतिम आदेश जरी किया गया है.
उच्च न्यायालय द्वारा 13 पन्नों के फैसले में इस बात की पुष्टि की गई है. अदालत ने कहा है कि, स्कूलों का सञ्चालन पालकों के द्वारा दी जाने वाले शुल्क से ही होता है और उनके पास इसका अन्य कोई रास्ता नहीं हैं. ऐसे में पालकों को बच्चों के
शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए विद्यालय में फीस जमा करनी ही होगी.
अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूलेंगे स्कूल…
अपने फैसले में HC ने यह भी स्पष्ट किया है स्कूल बच्चों से लॉकडाउन अवधि के दौरान न किए गए खर्च के लिए किसी भी मद या किसी भी रूप में शुल्क नहीं ले सकेंगे. साथ ही स्कूलों को आगाह करते हुए कहा गया है कि, सभी बच्चों को सरकारी दिशा-निर्देश के मुताबिक़, शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए.
एसोसिएशन अध्यक्ष ने क्या कहा ?
इस मामले में जानकारी देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल धूपर ने कहा कि, कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार ही अब सभी विद्यालय फीस लेंगे. धूपर ने पालकों से आग्रह किया है कि, सभी पालक स्कूलों को सुचारू रूप से संचालित होने के लिए सहयोग प्रदान कर अपने बच्चों का शिक्षण शुल्क जमा कराए.