हरियाली तीज का पर्व आने वाला है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये तीज 11 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी। बता दे, हरियाली तीज व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस दिन सुहागन महिला अन्न और जल का त्याग करती है। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखने का विधान बताया गया है। इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।
कहा जाता है कि व्रत का विशेष पुण्य होता है। इस व्रत को रखने से पति की लंबी आयु होती है। वहीं दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती है। साथ ही पति पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। लेकिन क्या आप जानते है इस दिन श्रृंगार करने के क्या क्या फायदे होते हैं। इससे ना सिर्फ आप खूबसूरत लगते है लेकिन इससे आपकी सेहत को काफी ज्यादा फायदे होते है। इसमें सबसे ज्यादा चूडिय़ों की खनक महिलाओं की सेहत को फायदेमंद बनाती है।
जी हां, मानसिक सेहत से लेकर शारीरिक सेहत तक चूडिय़ां अपना सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। वहीं विज्ञानं को समझे तो चूडिय़ां एक दो-नहीं बल्कि ढेरों फायदों से भरी हैं। बताया जा रहा है कि कांच की चूडिय़ों से निकलने वाली खनक वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट कर सकारात्मकता का संचार करती है। ये महिला की मनोदशा पर काफी अच्छा प्रभाव डालती है।
इसके अलावा कलाई पर पहनी चूडिया त्वचा पर रगड़ती हैं तो उससे घर्षण होता है, जो रक्त संचार में बढ़ोत्तरी करता है। साथ ही चूडिय़ों से होने वाले घर्षण के चलते शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है। विज्ञान की माने तो इससे महिलाएं थकान जल्दी महसूस नहीं करतीं। बता दे, चूडियों की कलाई में मौजूदगी महिलाओं में श्वास और हृदय रोग की सम्भावना भी कम कर सकती है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि महिलाओं को अक्सर हार्मोंस से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं।
इस वजह से महिलाओं का शरीर पुरुषों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोंस का स्तर भी तेजी से बदलता है ऐसे में ये चूड़ियां चूडियां हर्मोंस को संतुलित करने में मदद करती हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखने की महिलाओं को सबसे ज्यादा आवर्श्यकता है कि चिटकी, दरार वाली चूडिय़ां न पहनें। ये अशुभ मानी जाती है। इन चूडिय़ों की खनक भी कुछ अलग होती है जोकि नकारात्क ऊर्जा का संचार करती है।