जन्मदिन स्पेशल: जब कमलनाथ को इंदिरा गांधी ने कहा था तीसरा बेटा !

Shivani Rathore
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इंदिरा गाँधी कमलनाथ को अपने तीसरे बेटा जैसा मानती है। दरअसल बात शुरू होती है, 1979 से जब पहली बार देश में गैर कांग्रेस सरकार मोरारी देसाई के अगुवाई में बनी थी। उस समय जहां तरफ कांग्रेस के खेमे में भारी उथल उथल मची थी। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं देश के के पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे किसी मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे। उसी समय इंदिरा गांधी को उनके बेटे की चिंता परेशान कर रही थी। तभी गांधी परिवार का करीबी बन रहा एक युवा नेता कोर्ट में जज से लड़ जाता है और जज उसे अवमानना के चलते सात दिन के लिए तिहाड़ भेज देते हैं। और वो जानकर संजय गाँधी की सुरक्षा के लिए जेल चले गए। और आज इस युवा को देश कमलनाथ के नाम जानता है।

कमलनाथ का छिन्दवाड़ा से जुड़ाव
कांग्रेस सरकार को जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। तभी कांग्रेस सरकार वापस सत्ता में आने के लिए तैयारी में जुट गई थी और पार्टी ने ‘इंदिरा लाओ देश बचाओ’ का नारा दिया था। इसी दौरान 13 दिसंबर 1980 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में अपने एक सम्बोधनं के दौरान इंदिरा गांधी ने मंच पर ही बैठे एक युवा बिजनेसमैन कमलनाथ की तरफ इशारा करते हुए कहा, “ये सिर्फ कांग्रेस के नेता नहीं हैं, राजीव और संजय के बाद मेरे तीसरे बेटे हैं।

सांसद से लेकर सीएम तक
जब कमलनाथ ने पहली चुनाव लड़ा था तो तब इंदिरा गांधी उनके लिए प्रचार करने छिंदवाड़ा पहुंची थीं. कमलनाथ उस छिंदवाड़ा से पहली बार सांसद बने और उसके बाद यहां से नौ बार जीते। संजय गांधी और राजीव गांधी के करीबी रहे. बाद में सोनिया गांधी के भी विश्वासपात्र बने रहे। कमलनाथ पहली बार 1991 में केंद्र में मंत्री बने थे जिसके बाद वो लगातार 2014 तक केंद्र में मंत्री रहे। उसके बाद 2018 में जब फिर से कांग्रेस पार्टी की वापसी एमपी की सत्ता में हुई तो कमलनाथ मुख्यमंत्री बने।