मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां गेहूं खरीदी में खुलेआम धोखाधड़ी कर रही हैं । पटवारी ने एक बयान जारी कर कहा कि इंदौर में कोहरे के कारण काले पड़े गेहूं को सरकारी एजेंसी ने रिजेक्ट कर दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी समिति ने इसकी खरीदी कर ली, लेकिन केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम ने इसे अमानक माना है। ऐसे में किसानों का भुगतान भी फंस गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि भुगतान की स्वीकृति निगम ही देता है। खरीदी के बावजूद किसानों को भुगतान कब, कितना और कैसे मिलेगा, यह मामला उलझ गया है।
पटवारी ने कहा कि सरकार के विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि किसानों का नुकसान नहीं होगा। अब किसानों को दो आंख से देखने वाली, डबल इंजन की सरकार की एजेंसियां ही खुलेआम धोखाधड़ी पर उतर आई हैं। सरकार वादा करने के बाद भी किसानों के भुगतान में आनाकानी की नीयत बना रही है।
पटवारी ने कहा कि सरकार पहले ही किसानों के साथ वादाखिलाफी कर चुकी है। मोदी की गारंटी के नाम पर गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल देने का चुनावी वादा किया गया, फिर मुकर गए। पटवारी ने मध्यप्रदेश सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों से खरीदे हुए गेहूं का वास्तविक भुगतान तत्काल सुनिश्चित करें, अन्यथा कांग्रेस किसानों के साथ सड़क पर उतरेगी और निर्णायक आंदोलन करेगी।