नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमणों से प्रभावित इटली ने चीन पर निर्भरता कम करने के इरादे से भारत के साथ आर्थिक साझीदारी को मजबूत करके वैकल्पिक आपूर्ति शृंखला स्थापित करने तथा इसके लिए निवेश बढ़ाने के प्रति रूचि दिखायी है। वही, इटली की ओर से यह झुकाव पीएम नरेंद्र मोदी और इटली के पीएम जिएसेपे कोन्टे के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित द्विपक्षीय शिखर बैठक में सामने आया।
यही, दोनों देशों ने कोंफ्रेस्न्सिंग के दौरान 15 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये जिनमें व्यापार, निवेश, ढांचागत विकास, विज्ञान तकनीक, जहाजरानी, ऊर्जा, समुद्री खाद्य, फिल्म एवं टेलीविजन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के करार शामिल हैं। प्रदूषण रहित हाइड्रोजन के ईंधन के रूप में प्रयोग के बारे में भी एक करार किया गया है। पीएम मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि, यह साफ़ है कि कोविड-19 महामारी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह इतिहास में एक प्रभावकारी घटना के रूप में अंकित रहेगी।
उन्होंने कहा कि, हम सभी को कोरोना पश्चात की इस नई दुनिया में कोरोना से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए हम सभी को एक नए सिरे से तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि, “मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत से हमारे संबंध और मजबूत होंगे, आपसी समझ बढ़ेगी और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।”
पीएम ने कहा कि, “आप की तरह मैं भी भारत और इटली के संबंधों को और व्यापक और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। 2018 में टेक समिट के लिए आपकी भारत यात्रा और हमारी मुलाकात अनेक पहलुओं को स्पर्श करने वाली और भारत के लोगो के मन में भी इटली के प्रति एक नई जिज्ञासा पैदा करने वाली रही। यह ख़ुशी की बात है कि 2018 में हमारी बातचीत के बाद आपसी आदान-प्रदान में काफी गति आई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “मैं इटली में कोरोना विषाणु के कारण हुई क्षति के लिए मेरी तरफ से और भारत के सभी नागरिकों की तरफ संवेदना प्रकट करता हूँ। जब विश्व के अन्य देश कोरोना वायरस को जान ही रहे थे, समझने की कोशिश कर रहे थे, तब आप इस विपदा से जूझ रहे थे। आपने पूरी सफलता के साथ एक अत्यंत कठिन स्थिति पर शीघ्रता से काबू पाया और पूरे देश को संगठित किया। महामारी के उन पहले महीनों में इटली की सफलता ने हम सभी को प्रेरित किया। आपके अनुभवों ने हम सबका मार्गदर्शन किया।”